हमेशा से ही हमें कुछ ऐसे व्यक्तियों की किस्से सुनने को मिलते हैं। जिनकी मेहनत हमें हैरान कर देने वाली होती है। उनके अपने कार्य के प्रति निष्ठा और लगन को देखकर काफी गर्व महसूस होने लगता है। लेकिन कई बार ऐसा भी देखने को मिलता है कि कठिन परिश्रम करने के पश्चात भी लोग सफल नहीं हो पाते हैं। ऐसी परिस्थिति में अगर कोई हार मान जाता है तो उसे कामयाबी नहीं मिल पाती। इसके पश्चात भी अगर आपने मेहनत करना नहीं छोड़ा तो सफलता निश्चित ही आपके हाथों में आएगी।
आज हम आपको एक ऐसी ही लड़की की कहानी बताने जा रहे हैं। जिन्होंने अपने जीवन में काफी संघर्ष किया और अंततः आईएएस ऑफिसर बन कर दिखाया। इनका जन्म केरल के एक गरीब परिवार में हुआ था। इनके पिता कैब ड्राइवर थे। जो काफी मुश्किल से अपने घर का गुजारा चला पाते थे। लेकिन इनकी बेटी वनमती में खूब मेहनत और लगन से यह साबित कर दिया कि कोई भी काम ना मुमकिन नहीं हो सकता। वनमती ने बताया कि उन्हें दो चीजों से प्रेरणा मिली थी।
पहली उनके जिले की कलेक्टर जिन्हें देखकर वह काफी प्रभावित हुई और इसके अलावा उन्होंने गंगा यमुना सरस्वती सीरियल देखा था जिसमें अभिनेत्री आईएएस अफसर बनी हुई थी। इसे देखकर भी उन्हें प्रेरणा मिली। उनके घर की स्थिति भी काफी अच्छी नहीं थी। काफी मुश्किल से उनके घर का गुजारा चल पाता था। स्कूल से आने के पश्चात उन्हें भैंस चराने के लिए भी जाना पड़ता था। उनके 12वीं पास कर देने के पश्चात रिश्तेदारों ने शादी का दबाव भी बनाया।
लेकिन तब भी उन्होंने हार नहीं मानी और शादी से मना करने के बाद उन्होंने सबसे पहले अपनी ग्रेजुएशन कंप्लीट की। कंप्यूटर एप्लीकेशन में पोस्ट ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल करने के बाद उन्होंने खुद से ही प्राइवेट जॉब करके अपनी पढ़ाई को आगे जारी रखा। उन्होंने पहली यूपीएससी की परीक्षा के असफल होने के पश्चात भी हिम्मत नहीं हारी। 2015 में उन्होंने फिर से यूपीएससी की परीक्षा दी और उन्हें उनकी मेहनत का फल मिला। इस बार यूपीएससी की परीक्षा में उन्होंने ऑल इंडिया में 152 स्थान हासिल किया। इस समय वह एक जिला आईएएस अधिकारी के रूप में कार्यरत हैं।
उन्होंने अपने कार्य के प्रति निष्ठा और मेहनत से हम सभी को यह दर्शाया है कि किसी भी कार्य को करना नामुमकिन बिल्कुल नहीं है।