12 वर्षों के बाद राम बहादुर पाकिस्तान की जेल से रिहा होकर अपने गांव पचोखर पहुंचे। 12 सालों के बाद उनके परिजनों ने उनको माला पहना का नम आंखों से उनका स्वागत किया। इतने सालों बाद घर लौटने पर राम बहादुर के चेहरे पर भावुकता के साथ खुशी भी छलक रहे थे।
पाकिस्तान के लाहौर जेल में 12 साल तक राम बहादुर कहते थे। जब वह अपने गांव पहुंचे तो उनकी यादें धुंधली हो चुकी थी और वह लोगों को पहचानने में असमर्थता भी जताई लेकिन मां कुसुमा पिता गिलानी बेटी को गले लगा कर भावुक दिखाई पड़े। गांव में मौजूद लोगों ने राम बहादुर का स्वागत किया। राम बहादुर 15 साल की उम्र में लापता हो गए थे और उन्हें 12 सालों तक लाहौर जेल में कैद करके रखा गया।
1 सप्ताह पहले ही वे लाहौर जिले से रिहा कर भारत भेजे गए। जहां अमृतसर प्रशासन ने अपने कब्जे में लेकर पहले अस्पताल में भर्ती कराया और धीरे-धीरे इनकी सारी जानकारी को इकट्ठा किया और फिर उन्हें लेकर पुलिस विभाग की टीम उनके गांव पहुंचे। तस्वीर में आप देख पाएंगे कि यह सफेद रंग का कुर्ता पजामा पहने हुए हैं। घर पहुंचने के बाद यह परिवार जनों को पहचान नहीं पा रहे थे। उन्हें एकटक देखे ही जा रहे थे।
लेकिन एक मां बाप अपने बच्चे को कैसे भूल सकते हैं। उन्होंने रामबहादुर को देखते ही उसे गले लगाया और उसे मिठाई भी खिलाई। वहीं छोटे भाई ने बड़े भाई का पैर छूकर उसका घर स्वागत किया। गांव में बड़ी संख्या में लोग उन्हें देखने के लिए जुटे हुए थे और उनकी वापसी पर सभी खुश थे।