इतिहास जो हमारे आज के जीवन को कुछ समय बाद बीते हुए कल में परिवर्तित कर देता है। बीता हुआ कल सिर्फ आपका और हमारा नहीं बल्कि पूरे विश्व का होता है जिसे हम इतिहास कहते है और इतिहास के पन्नों में अनेकों अनसुनी कहानियां दबी रहती है। कुछ ऐसे कड़वे सच जिनके बारे में आज हम सोच के भी बौखला जाते हैं। आज हम आपको ऐसी ही एक खूबसूरत सीरियल किलर की कहानी बताने जा रहे, जिसने अपनी खूबसूरती को बरकरार रखने के लिए सैकड़ों लोगों की जान ले ली।
जी, हम बात कर रहे हैं हंगरी में रहने वाली एलिजाबेथ बाथरी की यह इतिहास में सबसे खौफनाक और वहशी महिला सीरियल किलर के नाम से प्रसिद्ध है। इन्होंने सन् 1585 से सन् 1610 तक तकरीबन 600 से 650 लड़कियों का खून किया है, इनमें से ज्यादातर लड़कियां कुंवारी थी। एलिजाबेथ ऐसा अपनी खूबसूरती को बरकरार रखने के लिए करती थी क्योंकि किसी ने एलिजाबेथ से कहा था कि अगर वह खून से स्नान करेंगी तो उनकी खूबसूरती बरकरार रहेगी। एलिजाबेथ को यह सलाह पसंद आई और उन्होंने यह काम शुरू कर दिया।
एलिजाबेथ की शादी ‘फेरेंक नैडेस्डी’ नामक व्यक्ति से हुई थी, जोकि तुर्कों के खिलाफ युद्ध में हंगरी के राष्ट्रीय हीरो था। एलिजाबेथ इन सारी घटनाओं को स्लोवानिया के चास्चिस स्थित अपने महल अंजाम देती थी। एलिजाबेथ उन लड़कियों को मारकर उनका खून एक टब में भरवाती थी और घंटों खून से स्नान करती थी। एलिजाबेथ को अपनी खूबसूरती बरकरार रखने के जुनून ने उन्हें एक खतरनाक खौफनाक सीरियल किलर बना दिया था। एलिजाबेथ इन सारे कार्यों को अंजाम अपने तीन नौकरों के साथ देती थी। वही लड़कियों की शरीर के मांस को अपने दांत से काट कर फेंक देती थी। एलिजाबेथ गरीब और मासूम लड़कियों को अपने महल में काम रखने के नाम पर धोखे से बुलाती थी और फिर अपने खौफनाक इरादे को अंजाम देती थी। यह भी कहा जाता है कि जब गांव में लड़कियां कम होने लगी तो उन्होंने ऊँचे परिवार की लड़कियों को भी अपना शिकार बनाना शुरू कर दिया।
जब हंगरी की राजा को इस मामले का पता चला तो उन्होंने जांच के लिए एलिजाबेथ के महल में जांचकर्ताओं को भेजा महल में पहुंचते उनके होश उड़ गए, वहा अनेकों लड़कियों के कंकाल और सोने चांदी के आभूषण पड़े हुए थे। तभी राजा के आदेश पर सन् 1610 में एलिजाबेथ को उनके तीन नौकरो के साथ गिरफ्तार कर लिया गया और सजा के तौर पर उन्हें उसी महल में रखा गया। लगभग 4 साल बाद एलिजाबेथ की महल में ही मौत हो गई।
उपन्यासकार ब्राम स्टोकर ने एलिजाबेथ बाथरी के जीवन पर आधारित एक उपन्यास लिखा था, जिसका नाम ‘ड्रैकुला’ था। उपन्यास के मुताबिक, बाथरी के निशाने पर ज्यादातर गांव की लड़कियां होती थीं, क्योंकि वह आसानी से उसके चंगुल में फंस जाती थीं। एलिजाबेथ के ऊपर हॉलीवुड में कई फिल्में भी बनी है।