चंद्रगुप्त मौर्य के महामंत्री और श्रेष्ठ विद्वान आचार्य चाणक्य कुशाग्र बुद्धि के धनी व्यक्तित्व थे चाणक्य को वह कई विषयों में काफी जानकारी थी। यही नहीं व्यवहारिक जीवन में हर परिस्थिति का अनुभव उनके पास था कौटिल्य और विष्णु पुत्र के नाम से भी इन्हें जाना जाता है। इनके द्वारा लिखी नीति शास्त्र में मनुष्य के जीवन के विषय में महत्वपूर्ण जानकारी दी गई है। जिससे व्यक्ति अपने जीवन के कई पहलुओं के विषय में जान सकता है। इसी में स्त्री और पुरुष में भी कुछ विशेष को और शक्तियां होती हैं। इसके विषय में भी बताया गया है। चाणक्य नीति शास्त्र के बारे में__
स्त्रियों की ताकत सौंदर्य और मीठी वाणी–
चाणक्य नीति शास्त्र के अनुसार किसी भी स्त्री का सौंदर्य और यौवन ही उसकी सबसे बड़ी शक्ति होती है। स्त्री के मधुर वाणी उसकी दूसरी सबसे बड़ी ताकत होती है। वह अपनी सुंदरता और मीठे वचन से किसी का भी दिल जीत सकती है और इसकी वजह से उसका हर जगह सम्मान भी होता है। यही नहीं उसके मधुर वाणी से परिवार का मान सम्मान बढ़ता है।
ब्राह्मण की सबसे बड़ी ताकत ज्ञान—
नीति शास्त्र के अनुसार ब्राह्मण की शक्ति उसका ज्ञान होता है। वह अपने ज्ञान से समाज में एक सम्मानित व्यक्ति होता है। उसके ज्ञान से वह सम्मान का पात्र बन जाता है। रावण के अलावा अन्य व्यक्तियों के भी सबसे बड़ी शक्ति ज्ञान ही होता है। विषम परिस्थितियों में जब सब साथ छोड़ देते हैं। ऐसे में ज्ञान उस परिस्थिति से निकलने और आगे बढ़ने का माध्यम बनता है। ब्राह्मण का ज्ञान है उसकी सबसे बड़ी पूंजी होती है।
राजा का ताकत होता है बाहुबल—-
आचार्य चाणक्य के अनुसार राजा की सबसे बड़ी शक्ति उसका बाहुबल होता है। राजा के कई मंत्री और सहायक होते हैं लेकिन जब राजा स्वयं कमजोर होता है, तो उसके सहायक भी किसी काम के नहीं होते हैं। प्रजा के साथ अपने अधीनस्थ लोगों और सभी व्यवस्थाओं को सुचारू रूप से करने के लिए राजा को ताकतवर होने की आवश्यकता होती है और अगर ऐसे में राजा शक्तिहीन हैं तो फिर उससे राजसुख दूर होने में समय नहीं लगता है।ऐसे में बाहुबल का होना बेहद ही जरूरी होता है।