किन्नरों का जीवन बिताना इतना आसान नहीं होता, उन्हें हमेशा हीन भावना से देखा जाता था। लेकिन जब से सुप्रीम कोर्ट ने उनके लिए कानून बनाया है। तब से किन्नर भी अपनी प्रतिभाओं को खुलकर दिखाते हैं। पहली किन्नर जज, पहली किन्नर डॉक्टर बन इन किन्नरों ने अपने जैसे लोगों का मान बढ़ाया है।
कहते हैं कि किन्नर होना एक पाप है लेकिन अगर भगवान ही यह पाप करके भेजें तो आप क्या कहेंगे, क्योंकि कोई भी इंसान अपने से कुछ भी नहीं बनता है जो बना कर भेजता है वह भगवान बनाकर भेजता है। ऐसे में किन्नर होने फर उनका क्या दोष है।
किन्नरों को लेकर समाज में अनेक विचार धाराएं प्रचलित है। कहते हैं कि अगर किन्नर दिल से आपको दुआ दे दें, तो आपकी जिंदगी सुधर जाती है। किन्नर हमेशा खुशी के मौके पर जाते हैं। काम पर जाते समय अगर किन्नरों का चेहरा देख ले तो वह काम सफल होता है।
किसी बच्चे का किन्नर का जन्म कैसे होता
जब महिलाएं गर्भवती होते हैं और उनके गर्भ में पुरुषों के शुक्राणु की अधिकता होती है तो लड़का और रक्त की अधिकता होती है तो लड़की होती है, लेकिन दोनों ही बराबर हो तो एक किन्नर का जन्म होता है।
जिस समय किन्नर की मौत होती है तो उनका पूरा समुदाय 1 सप्ताह तक भूखा रहता है और उनके समुदाय में यह प्रथा है कि किसी के मरने के बाद रोया नहीं जाता है बल्कि वह खुश रहते हैं कि चलो इस जन्म से छुटकारा मिला देखा जाए। बचपन से ही उन्हें हीन भावना से गुजरना पड़ता है। किन्नरों को अपनी जिंदगी बिताने के लिए घर परिवार भी साथ नहीं देता है।