महामारी कोरोना ने लोगों की जिंदगी में कई परिवर्तन कर दिए हैं। कुछ तो इससे प्रभावित होकर जीवन के जीने के तरीके ही बदल डाले तो कुछ ने इसे बहुत सीख ली और कुछ ऐसा कर गुजरने की ठान ली जो दूसरों के लिए जिंदगी बन गई। ऐसा ही नागपुर महाराष्ट्र में हुआ।
ऐसे बहुत सारे लोग थे जिन्हें एक वक्त का भी खाना नसीब नहीं होता था। ऐसे में जमशेद सिंह कपूर ने एक नई मिसाल कायम की। जमशेद सिंह कपूर पेशे से एक ज्योतिष है उन्होंने हर रोज दोपहर 3:00 बजे लोगों में दाल खिचड़ी बांटनै निकल पड़ते हैं। जमशेद के अनुसार नगर सेवा 2003 से वह करते आ रहे हैं लेकिन इससे पहले केवल गरीब लोग खाना खाते थे लेकिन कोरोना के कारण अब यह खाना अन्य लोग भी खाते हैं। जमशेद नागपुर की गलियों में लंगर सेवा लिखा टीशर्ट पहनकर खिचड़ी बांटते आपको बड़ी ही आसानी से दिख जाएंगे।
यह स्कूटर के ऊपर खिचड़ी से भरा बर्तन बांधकर रोज निकलते हैं और लोगों को खाना परोसते है। जमशेद बताते हैं कि खाली इनसे रोज खाना लेने आता था लेकिन वह एक दिन कपड़ों का थैला अपने साथ लाया और मुझे देते हुए कहा कि यह कपड़े रख लो ,जब मैं मर जाऊं तो दूसरे जरूरतमंदों को बांट देना। उन कपड़ों के साथ ₹25000 भी थे। जमशेद ने उन्हें पैसों को लंगर में लगा दिया लेकिन तब से वह इंसान आज तक उनके दिल में उतरा हुआ है और तभी से उन्होंने लंगर का काम शुरू कर दिया। जिसकी वजह से आज तक चला रहे है। जमशेद सिंह का लक्ष्य है कि वह 24 घंटे लंगर सेवा जारी रखें और इसके लिए वह प्रयासरत भी हैं।
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