क्या कभी आपने भी सोचा कि आखिर स्लिपर को हवाई चप्पल क्यों कहा जाता है। वैसे तो जहाज को भी हवाई जहाज कहा जाता है क्योंकि वह हवा में उड़ता है। लेकिन स्लीपर को हवाई चप्पल कहने के पीछे भी अपना एक इतिहास है। अगर देखा जाए तो किसी भी वस्तु का अगर कोई नया नाम दिया जाता है तो उसके पीछे कोई न कोई वजह जरुर होती है। आइए जानते हैं पेपर को हवाई चप्पल क्यों कहते हैं-
हवाई चप्पल पहनने के बाद काफी रिलैक्स महसूस किया जाता है। इसी वजह से उसके नाम में हवाई शब्द छोड़ दिया गया है। दरअसल हवाई चप्पल के पीछे कई बातें है। इतिहासकारों के अनुसार अमेरिका के एक आईलैंड में एक खास पेड़ है। जिसे टी के नाम से जानते हैं। इसी पेड़ से एक खास रबड़ जैसा फैब्रिक बनता है जो काफी लचीला होता है। इसी से चप्पल बनाए जाते हैं इसी कारण इसे हवाई चप्पल कहते हैं।
अन्य इतिहासकारों के अनुसार जापान से भी हवाई चप्पल का इतिहास जुड़ा है। जिस तरह की चप्पलें हम पहनते हैं, वैसी ही जापान में पहले पहने जाती थी, जिन्हें जोरी कहते हैं कहा जाता है कि अमेरिका के हवाई आइलैंड में काम करने के लिए जापान से मजदूर भेजे गए थे। यह मजदूर जापानी चप्पल पहनकर गए थे। वहां इन चप्पलों को टी पेड़ से निकले रबड़ मटेरियल से बनाया गया।
इस तरह जापान के चप्पल हवाई चप्पल में बदल गया। चप्पलों का इस्तेमाल द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान अमेरिकी सैनिकों ने किया था
इस तरह दुनिया में यह हवाई चप्पल के नाम से मशहूरहै। वैसे चप्पलों का इतिहास काफी पुराना है। भारत में हवाई चप्पल को लाने का श्रेय बाटा को जाता है। ब्राजील ने हवाई चप्पल को दुनिया में फेमस किया था। लेकिन भारत में इसकी शुरुआत बाटाने की, बाटा भारत के टॉप फुटवियर कंपनी में शामिल है।