दुनिया में बहुत सारी रहस्यमई जगह है। ऐसे जगहों पर विज्ञान भी काम करना बंद कर देता है और उन जगहों में से एक बरमूडा ट्राएंगल भी है। जहां पर कई तरह के दावे किए जा चुके हैं। कई तरह की अफवाह फैली हुई हैं लेकिन यह आज भी रहस्यमई ही है। बरमूडा ट्राएंगल का कनेक्शन पर ग्रहों से होने का दावा किया जाता है। यहां एलियन के पृथ्वी पर आने का स्थान थी बताया जाता है। यहां के आसमान में यूएफओ मर्डर आते रहते हैं।
है क्या बरमूडा ट्राएंगल
अटलांटिक महासागर के एक ट्रएंगलनुमा इलाके को ही बरमूडा ट्रायंगल कहा जाता है। जो बरमूडा द्वीप मियामी में समंदर किनारे और पूर्वी को की राजधानी सैन जुवान को जोड़कर बनता है। 1964 में स्टैंडर्ड की खूब चर्चाएं थी। इसके समुद्री इलाके में आज तक जो भी हवाई जहाज गुजरा है वह कभी अपनी मंजिल तक नहीं पहुंचा।
बन चुके हैं बरमूडा ट्रएंगल पर फिल्में
कई फिल्में बरमूडा ट्राएंगल बन चुके हैं। इंटरनेट पर भी इससे जुड़ी कई जानकारियां आपको मिल जाएंगी। 56 साल पहले इस इलाके का जिक्र अमेरिकी ऑथर्स विंसेंट गैडीस ने अरगोसी मैगजीन में किया था। तब से शोधकर्ताओं के लिए एक दिलचस्प जमा है गैडीस ने बरमूडा ट्रएंगल का नाम दिया।
नाता जुड़ा एलियन से
बरमूडा ट्राएंगल को लेकर सबसे सबसे ज्यादा एलियंस को लेकर चर्चाएं बनी रहती हैं और इसे दूसरे दुनिया का रास्ता भी बताया जाता है।फिलहाल इसे एलियन से ही जोड़ कर देखा जा रहा है और लोगों का कहना है कि यह इलाका एलियंस के संपर्क में है। यहां का गुरुत्वाकर्षण काफी अधिक है। जिस वजह से चीजें पानी के अंदर खींची चली जाती हैं।
आखिर क्यों है रहस्यमयी स्थान
वर्तमान में कई पानी के जहाज एरोप्लेन इस इलाके से होकर गुजरते हैं लेकिन आज तक कोई भी विमान गायब नहीं हुआ। शोधकर्ताओं के अनुसार इलाके को काफी समय से बदनाम किया जा रहा है। इसे लेकर कई अफवाहें उड़ाई जा रही है। इसी वजह से इसे रहस्यमय स्थान समझते हैं लेकिन सच में ऐसा नहीं है हादसों की तरह यहां भी हादसे हुए हैं।
बरमूडा ट्रायंगल का जवाब अब तक नहीं मिला
दुर्घटनाग्रस्त विमानों के अवशेष को समुद्र की गहराई में खोज पाना बेहद ही मुश्किल होता है। एक रिपोर्ट के अनुसार अमेरिका की जमीन पर हुए। प्लेन हादसों के मुकाबले बरमूडा ट्राएंगल में हुए हादसों से कहीं अधिक है। ट्रएंगल को रहस्य की तरह देखा जाता है। शायद इसीलिए हादसों को अलग-अलग दबा दिए जाते हैं। वैज्ञानिक के नजरिए से संभव हो सकता है लेकिन अभी तक कोई ठोस जवाब नहीं मिल पाया है।