उदयपुर अपनी खूबसूरती और संस्कृति के लिए मशहूर है। यहां पर दूर-दूर से पर्यटक आते हैं। इस शहर की खूबसूरती को देखने के साथ ही पर्यटकों कुलप्रदीप सिंह का इको फ्रेंडली घर भी देखने आते हैं।
लोग अपने घर को बनाने के लिए पेड़ों को काटते है। वहीं कुलप्रदीप सिंह ने अपने घर को इको फ्रेंडली रखते हुए। आम के पेड़ पर चार मंजिला मकान बनाया है। वह भी बिना किसी टहनी के काटे हुए, जो उदयपुर में ट्री हाउस के नाम से मशहूर है। कुलप्रदीप ने 40 फीट ऊंचे आम के पेड़ पर अपना मकान बनाया है। इस मकान में किचन, बैडरूम वाशरुम से लेकर लाइब्रेरी तक है।
कोई इंजीनियर राजी नहीं हुआ
कुलप्रदीप सिंह 1990 मई में घर बनाने के लिए उदयपुर में जमीन खोज रहे थे। तभी उनकी मुलाकात एक प्रॉपर्टी डीलर से हुई। डीलर ने उन्हें कुंजियों की बाड़ी के नाम से फेमस जगह को दिखाया और उन्हें बताया कि लोग मकान बनाने के लिए पेड़ों को काट रहे हैं। जिससे मवेशी भी बेघर होते जा रहे है। उस प्रॉपर्टी डीलर ने कुलप्रदीप को बिना पेड़ काटे पेड़ पर ही मकान बनाने की सलाह दी। जो उन्हें बहुत पसंद आई इसके बाद उन्होंने इसके लिए इंजीनियर की तलाश की लेकिन कोई इसके लिए तैयार नहीं हुआ।
कुलप्रदीप मने खुद ही बनाया अपने घर का डिजाइन
आईआईटी से इंजीनियरिंगकर चुके कुलप्रदीप ने खुद ही अपने घर का डिजाइन बनाया। वह भी बिना किसी डाली को काटते हुए। उन्होंने 9 फीट जमीन से ऊपर मकान बनाने की शुरुआत की। उस समय पेड़ की ऊंचाई 20 फीट थी। आज वही पेड़ 40 फीट ऊंचा हो गया है। इस घर को बनाते समय कुलप्रदीप ने पूरा ख्याल रखा कि पेड़ को कोई नुकसान ना हो। इस मकान में किचन बाथरूम कमरों में पेड़ की डालियां निकली हुई हैं। इन पेड़ों का प्रयोग फर्नीचर के रूप में भी किया जाता है।
रिमोट कंट्रोल सीढ़ियां
इको फ्रेंडली हाउस में सबसे बड़ी बात यह है कि यहां पर सीढ़ियां रिमोट कंट्रोल से संचालित होती हैं। इस घर को बनाने से पहले पेड़ के पास 4 खंबे जमीन से बनाए गए हैं और उनमें से एक खंबे में विद्युत परिचालक है। जिससे बरसात के मौसम में बिजली का इस पेड़ पर गिरने का खतरा नहीं रहता। पूरा घर स्टील से बनाया गया है इसकी दीवारें और फर्स्ट फाइबर और सेल्यूलॉजशीट से बना हुआ है। सीमेंट का प्रयोग नहीं किया गया।
तीसरी मंजिल मकान की छत के ऊपर की तरफ खुलती है
इस घर में पहली मंजिल पर किचन बाथरूम और डाइनिंग हॉल है दूसरी मंजिल पर पास रूम लाइब्रेरी वह एक रूम है। तीसरी मंजिल पर एक रूम है।जिसकी छत ऊपर की ओर खुलती है। इस घर में चौथी मंजिल भी बनी हुई है। हवा के तेज बहाव से घर हिलता हुआ महसूस होता है। इस पेड़ पर खूब सारे आम भी आते हैं। जिसके कारण इस पेड़ पर पक्षियों का बसेरा भी खूब रहता है और पक्षियों के मधुर कलरव सारा घर गुजता रहता है।