चीन और भारत के बिच किसी ना किसी बात पर मसला बना रहता है। अब खबर आ रही है की पूर्वी लद्दाख में चीनी सेना के फिर से वास्तविक नियंत्रण पार करने का मामला देखा जा रहा है, जिसके में झड़प होने की बात भी कहि जा रही है। यह रिपोर्ट अंग्रेजी अखबार की बताई जा रही हैम जिसे भारतीय सेना ने पूरी तरह से खंडन करते हुए उसे ‘झूठा और निराधार’ बताया है। उनके द्वारा कहा गया है, की यह खबर भ्रामक और गलत सूचनाओं से भरपूर है।
इस खबर के बाद कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने आज मोदी सरकार को घेरने की कोशिश की थी। उन्होंने आर्टिकल की कॉपी के साथ ट्वीट किया था, “मोदी सरकार ने विदेश व रक्षा नीति को देश का राजनैतिक हथकंडा बनाकर हमारे देश को कमजोर कर दिया है। उन्होंने कहा की इसके पहले भारत इतना असुरक्षित कभी नहीं रहा।” लेकिन इस खबर को सरकार ने निराधार करार दिया है।
न्यूज रिपोर्ट दुर्भावनापूर्ण है-
सेना द्वारा बताया की पूर्वी लद्दाख में चीन के सैनिको के साथ फिर से ताजा झड़प होने की रिपोर्ट पूरी तरह से गलत है। सेना ने कहा की दोनों ओर से बाकी बचे मुद्दों को सुलझाने के लिए बातचीत जारी है और सेना की तरफ से पेट्रोलिंग लगातार चल रही है। इसके साथ ही बताया की भारतीय सैनिक सिर्फ जमीन पर ही मौजूद नहीं हैं, बल्कि चीन की सभी गतिविधियों पर नजर रखे हुए है। इसके लिए अतरिक्त सुरक्षा बल तैयार किया गया है।
आपको बता दे की भारत-चीन सीमा पर मौजूदा विवाद की शुरुआत अप्रैल के तीसरे हफ़्ते में हुई थी, जब लाइन ऑफ़ एक्चुअल कंट्रोल पर चीन की तरफ़ से उसकी सेना के जवानो ने सैनिक टुकड़ियों और भारी ट्रकों की संख्या में इज़ाफ़ा किया था, इसके बाद से मई महीने में सीमा पर चीनी सैनिकों की गतिविधियाँ रिपोर्ट की गई हैं।
साल 2018-19 में सरकार ने भारत-चीन सीमा पर 3812 किलोमीटर इलाक़ा सड़क निर्माण के लिए चिह्नित किया है। इनमें से 3418 किलोमीटर सड़क बनाने का काम बॉर्डर रोड्स ऑर्गेनाज़ेशन यानी बीआरओ को दिया गया है जिसके द्वारा यह रोड पूरा कर लिया गया है।
चीन अपने मरे हुए सैनिकों की संख्या नहीं बताता।
चीन किसी भी रह की झड़प और अपने सेनिको के मरने की कभी भी पुष्टि नहीं करता है। 17 जून को यही सवाल चीनी विदेश मंत्रालय की प्रेस कॉन्फ़्रेंस में समाचार एजेंसी पीटीआई ने पूछा था की भारतीय मीडिया में चीनी सैनिकों के हताहत होने की बात कही जा रही है, क्या आप इसकी पुष्टि करते हैं? लेकिन उन्होंने इस बारे में कुछ नहीं बताया। चीनी प्रवक्ताओ ने कहा, की ”जैसा कि मैंने कहा कि दोनों देशों के सैनिक ग्राउंड पर ख़ास मसलों को हल करने की कोशिश कर रहे हैं, मेरे पास ऐसी कोई जानकारी नहीं है।