शिवपुर जिले के बदरवास के रजवाड़ा गांव में एक शादी समारोह काफी चर्चा का विषय बन गया। इसका कारण दुल्हन के मामा जो नोएडा के व्यापारी थे। जिन्होंने दुल्हन के मामा का फर्ज निभाया और लाखों रुपए का अनोखा नरसी भात रस्म कर एक मिसाल पेश की।व्यापारी का दुल्हन से कोई रिश्ता नहीं था। यह लेकिन व्यापारी ने सगे मामा से भी बढ़कर मामा का फर्ज निभाया।
व्यापारी दंपति ने दी मिसाल
महीनों
रजवाड़ा गांव में रहने वाले थान सिंह यादव के बेटी की शादी थे। परिवार में उनके यहां पहली शादी थी। जिससे सभी काफी खुश थे। लेकिन दुल्हन के मामा ना होने से मंडप में जब नरसी भात की रस्म का समय हुआ तो वहां लोग उदास हो गए। मामा नहीं थे नाना भी 30 साल पहले सन्यासी होकर घर छोड़ चुके थे। ऐसे में जब बेटी की शादी की तारीख नजदीक आए तो मां को अपनी पिता की याद आई।
जब उसने अपने पिता का खोज खबर किया तो उत्तर प्रदेश के गौतम बुध नगर के जेवर शहर में साधु वेश धारण करके पिता से मुलाकात हुई । लेकिन उन्होंने बेटी और दामाद को शादी में आने से इनकार करने के साथ ही कुछ सहायता देने से भी इनकार कर दिया। उसी समय वहां मौजूद जेवर शहर के फुटवियर व्यापारी गोविंद सिंघल यह सभी घटनाक्रम देख और सुन रहे थे।
उसी समय उन्होंने फैसला किया कि वे उस महिला के भाई के नाते भांजी के शादी में नरसी भात रस्म में जरूर जाएंगे। इसमें उनके परिवार वालों ने भी उनकी खुशी-खुशी सहायता की। 21 नवंबर के निकट से छुड़ाने के लिए उन्होंने भारत का सामान लेकर रवाना हुए। जिसमें दुल्हन के लिए करीब 9 तोले सोने के जेवर, 1 किलो चांदी के जेवर एक स्मार्टफोन दूल्हे को देने के लिए एक लाख नगद और गांव की महिलाओं के लिए 350 साड़ियां, 100 जोड़ी पैंट शर्ट गांव के पुरुषों के लिए और 700 गमछा बारातियों को उपहार स्वरूप लेकर आया था।