अपने दफ़्तर में नेहरू की तस्वीर न दिखने पर भड़क गए थे अटल बिहारी वाजपेयी, जानिए पूरा मामला

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भारतीय जनता पार्टी के नीव की ईट में से एक थे, अटल बिहारी बाजपेयी जी जिनका नाम आज देश का कोई भी व्यक्ति बड़े सम्मान के साथ लेता है। हालांकि 16 अगस्त 2019 को उन्होंने स्वर्गवास स्वीकार किया और दुनिया की मोह माया का त्याग कर किया।

आज हम आपको उनके व्यक्तित्व से जुड़े कुछ ऐसी बातों को बताने जा रहे हैं, जिन्हें शायद ही आप पहले जानते हो। अटल बिहारी बाजपयी जी भारत के दसवें प्रधानमंत्री रहे और साथ ही साथ विपक्षी दल के एक मजबूत नीव भी अटल बिहारी बाजपेयी जी सज्जन, सम्मानित और व्यक्तित्व के धनी व्यक्ति थे।

उन्होंने राजनीति में कदम रखने के बाद कुछ ऐसे सिद्धांतों का चयन किया, जिस पर वह सारी उम्र चलते रहे। उन्होंने सदैव देश के हित के लिए कभी देश की सरकार के पक्ष तो कभी भी पक्ष में खड़े होकर अपनी बात रखी। बाजपेयी जी सदैव अपने इरादों के बहुत पक्के और मजबूत व्यक्तित्व वाले इंसान थे।

इन्होंने राजनीति के कई ऐसे उतार-चढ़ाव देखे जिसे शायद हम और आप कभी झेल ना पाए लेकिन इन्होंने हमेशा संयम, समझदारी और आत्मबल के साथ काम लिया। इनकी इसी अदा पर विपक्ष के कई दिग्गज नेता इनके दीवाने हुआ करते थे।

इतना ही नहीं भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरु भी इनकी अदा के दीवाने थे। एक बार अटल जी ने लोकसभा के भाषण व सदन की कार्यवाही में अपना मत रखा तो नेहरु जी उनके मत से काफी प्रभावित हुए। आपको बता दें कि उस वक्त ब्रिटिश के तत्कालीन प्रधानमंत्री भारत यात्रा पर आए हुए थे, नेहरू जी ने अटल जी से उनकी मुलाकात करवाते हुए, कहा कि यह विपक्ष के उभरते नेता है।

अटल बिहारी बाजपेयी जी 1977 में पहली बार विदेश मंत्री बने, कहा जाता है कि जब वह अपना कार्यभार संभालने साउथ ब्लॉक में स्थित अपने दफ्तर गए, तब उन्होंने वहा नेहरू जी की फोटो नहीं देखी, इतने पर वह भड़क गए और उन्होंने तुरंत अपने दफ्तर में नेहरू जी की फोटो लगाने का आदेश दिया।

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