शादी तो दिलों का रिश्ता होता है। शादी के बाद अगर दोनों के बीच में आपस में बनती है, तब तो वह रिश्ता इतना अच्छा होगा कि दोनों उसे निभाने की कोशिश भी करेंगे, लेकिन अगर दोनों के विचार एक दूसरे से जुदा हो और दोनों की आपस में बनती नहीं तो जबरदस्ती विचारों को मिलाने की और पाबंदी ताउम्र तकलीफ ही देती है।
कानूनी तौर पर भी हिंदू मैरिज एक्ट में कोई भी प्रावधान ऐसा नहीं है कि आपको शादी 1 साल निभाने ही होंगे, अगर आपको लगता है कि आप दोनों के विचार नहीं मिल रहे हैं तो आप साल भर के पहले भी एक दूसरे से तलाक ले सकते हैं और यह सही भी है, दो लोग अगर आपस में प्रेम और सौहार्द से साथ नहीं रह सकते हैं तो उनका अलग हो जाना ही अच्छा है क्योंकि जितना समय बितता जाएगा, उतने ही इन दोनों के मन में मोटाव बढ़ते जाएंगे और आगे की परिस्थितियों और भी बिगड़ती ही जाएगी।
गुरुग्राम की फैमिली कोर्ट में तलाक याचिका की एक खबर सामने आई है। जिसमें दंपत्ति ने शादी के दूसरे दिन ही तलाक की अर्जी डाल दी। उन्हें शादी के 2 दिन में ही समझ में आ गया कि उनके विचार नहीं मिलते हैं और अगर ऐसा है तो यह शादी उनके लिए आगे परेशानियों का सबब बन जाएगी। जिसके कारण उन्होंने शादी के 2 दिन बाद ही तलाक की अर्जी डाल दी। अर्जी डालने से पहले ही लड़की अपने सारे सामान ले गई।
यह याचिका फैमिली कोर्ट ने खारिज कर दी है। जिसके कारण नव दंपति ने हाईकोर्ट की शरण ली है। हाईकोर्ट की जस्टिस अर्चना पुरी और रितु बाहरी की खंडपीठ ने फैमिली कोर्ट के इस फैसले को खारिज कर दिया और उन्हें तलाक लेने की अनुमति दे दी।