आखिर क्यों होती है सल्लू सांप की तस्करी…. क्या है अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमत….

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दुनिया में ऐसे बहुत से प्राणी है, जो विलुप्त होते जा रहे हैं और जिन्हें बचाने के लिए सरकार अपनी तरफ से पूरी कोशिश करती है लेकिन विलुप्त होती प्राणियों को लोग तस्करी करने में भी कोई कमी नहीं छोड़ते हैं। ऐसे जीवों‌ की तस्करी कर लोग अंतरराष्ट्रीय बाजार में करोड़ों रुपए कमा लेते हैं। इसी के चलते लोग इन प्राणियों को पकड़ने और मारने में कोई कमी नहीं छोड़ते हैं।

ऐसा ही एक मामला उत्तर प्रदेश के बिजनौर से आया है। जहां पुलिस ने पैंगोलिन सांप के तस्करी करने वाले 10 से 15 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। पैगोलिंन विलुप्त दुर्लभ प्रजाति का जानवर है।
यह अफ्रीका और एशिया में पाया जाता है। भारत में भी यह प्रजाति आपको बड़ी मुश्किल से देखने को मिल जाती है। इस पैगोलिन को लोग सल्लू के नाम से पुकारते हैं। अंतरराष्ट्रीय मार्केट की बात की जाए तो इनकी कीमत ₹4 करोड़ बताई जाती है।

क्या है पूरा मामला
बिजनौर के एसपी को सूचना मिली थी कि नगीना देहात में पैंगोलिन 7 की तस्करी होने वाली है। इस पर पुलिस और वन विभाग की संयुक्त टीम ने बीते रविवार की रात छापा मारा और इस दौरान दुर्लभ प्रजाति के 1 स्तनधारी जीव पैगोलिन को बरामद किया। इस स्थान से पुलिस ने 15 लोगों को गिरफ्तार भी किया है। यह लोग बिहार के कुछ तस्करों को पैंगोलिन दे रहे थे और इनका सौदा लगभग सवा करोड़ रुपए का लग चुका था।

अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमत
अंतरराष्ट्रीय बाजार की बात की जाए तो एक पैगोंलिन की कीमत ₹4 करोड़ बताई जाती है। पैंगोलिन जानवरों का इस्तेमाल ट्रेडीशनल चाइनीस मेडिसिन में किया जाता है। इनकी हड्डियों और मांस की तस्करी अंतरराष्ट्रीय बाजार में यौनवर्धक दवा को बनाने के लिए भी किया जाता है इसीलिए इसकी कीमत इतनी ज्यादा है।

14 जंगलों में पाए जाने वाले इस जानवर की तस्करी मलेशिया, चीन हांगकांग, सिंगापुर आदि देशों में की जाती है। पैगोंलिन खाने के रूप में दिमाग को चींटी को खाते हैं।

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