चीन सरकार अपना दबदबा हर जगह बनाना चाहती हैं। लेकिन चीन की अब ज्यादातर आबादी बूढ़ी हो चुकी है और यह चीन के सामने एक बड़ी चुनौती बनकर उभरी है। यह स्थिति अधिक बच्चे पैदा ना करने की सरकारी कानून के तहत उत्पन्न हुई है। चीन में विवाह दर भी लगातार गिर रहा है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार शादी में कमी का कारण कोरोना महामारी से जोड़ा जा रहा है लेकिन इसके पीछे सरकार की ओर से बनाए कानूनों का भी ज्यादा असर है।
चाइनीस कम्युनिस्ट पार्टी के यूथ लीग की ओर से किए गए हालिया सर्वे ने करीब 34 फ़ीसदी चीनी लोग जीवन साथी को जरूरी नहीं मानते हैं। 43 फ़ीसदी से अधिक महिलाओं का कहना है या तो वह शादी नहीं करेंगी या फिर इस बारे में कुछ कह नहीं सकती है।
चीन में शादी को लेकर आर्थिक स्थिति से अनिश्चितता को जोड़ते हुए भी देखा जाए तो धनी शहरों में युवा छोटे शहरों की तुलना में बिना शादी के ही रहना चाहते हैं।
रिपोर्ट की माने तो अर्थव्यवस्था जितनी अधिक विकसित होगी। उतनी ही अधिक लोग सक्रिय रूप में अकेले रहना पसंद करेंगे। देश में लगातार आर्थिक विकास हो रहा है। ऐसे में शादी नहीं करने वाले युवाओं की संख्या में बढ़ोतरी जारी रह सकती है। ऐसी हालत में चीन में बच्चे पैदा करने की दर दिन-ब-दिन घटती ही जाएगी। जिस प्रकार चीन अपनी टेक्नोलॉजी को पढ़ाने के पीछे भाग रहा है आने वाले समय में वहां यह गिरावट और भी ज्यादा देखने को मिल सकती है।