बेंगलुरु के एक अमीर व्यक्ति शिवम को एक किसान की बेटी से पहली नजर में प्यार हो जाता है। शिवम को उस लड़की से जब प्यार हुआ तो वह उसका पता लगाना शुरू किया तब पता चला कि एक गरीब किसान की बेटी है। जिसकी खूबसूरती पर शिवम पहली नजर में ही फिदा हो गया।
शिवम ने जब पहली बार उस लड़की को प्रपोज किया तो लड़की ने साफ इनकार कर दिया क्योंकि उसे पता था कि शिवम अमीर घर का लड़का है और वह एक गरीब किसान की बेटी है तो ऐसा संभव ही नहीं हो पाएगा। लेकिन शिवम हार मानने वालों में से नहीं था। वह कुछ दिन रुका फिर 1 दिन लड़की के घर पहुंच गया उसके माता पिता से उसका हाथ मांगने।
लेकिन फिर बात आगे वही फंसी की लड़की ने शादी से इंकार कर दिया। लेकिन बहुत समझाने के बाद लड़की शादी के लिए राजी हो गई और फिर दोनों की शादी करवा दी गए। दोनों खुशी से जीवन बीता ही रहे थे कि अचानक कुछ समय बाद लड़की की खूबसूरती में कमी आने लगे और वह बीमार रहने लगी।
जिसका असर उसके चेहरे पर साफ महसूस किया जा सकता था। उस लड़की को चिंता सताने लगी कि कहीं उसका पति उसके झूर्रियों को देखकर परेशान होकर उसे छोड़ ना दें। क्योंकि लड़की को भी पता था कि उसका पति उसकी खूबसूरती की वजह से ही उसे पसंद किया था। और अगर वह ही नहीं रहेगी तो फिर उसका पति उसे क्यों पसंद करेगा उसे छोड़ देगा।
इन सब उथल-पुथल के बीच ही शिवम का एक्सीडेंट हो जाता है और उसके आंखों की रोशनी चली जाती है। आंखों की रोशनी जाने की बात जानकर पत्नी को दुख तो जरूर होता है लेकिन वह इस बात से संतुष्ट हुई कि अब शिवम मुझे छोड़ेगा नहीं।
वह शिवम की खूब देखभाल करने लगी। उसका अच्छे से ख्याल रखने लगी थी। लेकिन पत्नी की बीमारी दिन पर दिन बढ़ती ही गई और वह एक दिन मर गई। पत्नी की मौत के बाद शिवम अकेला हो गया और वह शहर छोड़ने का फैसला बना कर लिया। शहर छोड़कर जाते समय गांव वालों ने कहा कि तुम बिना आंखों के कैसे रह पाओगे तब शिवम ने बताया कि वह इतने सालों से नाटक कर रहा था ताकि पत्नी खुश रहें। वह अंधा है नही। आज के दौर में ऐसा प्यार बेहद ही मुश्किल है। शिवम प्रेम का एक मिसाल है।