यह संसार बड़ा ही रहस्यमय और दिलचस्प है और यहां पर हर जगह अपना नियम और कानून हैं। कहीं-कहीं प्रकृति ने खुद ही नियम बनाए हुए। जिससे इंसान जीत नहीं सकता है और अगर वह इसे तोड़ने की कोशिश करता है, तो प्रकृति उससे उसकी सजा भी देती है। भारत की एक ऐसी जगह है, जहां गाड़ी खुद-ब-खुद चलती है। सुनने में तो बड़ी हैरानी सी लग रही है। लेकिन हां गाड़ियों को चलाने के लिए यहां न पेट्रोल लगता है और ना ही डीजल।
दरअसल यहां गाड़ियां बिना किसी ड्राइवर के ही दौड़ने लगती हैं सुनकर या फिल्म टार्जन द वंडर कार की याद आती है। और इसके पीछे का क्या कारण है, आज हम इस सेक्शन में जानेंगे।
वैसे तो कई किस्से सुनने को मिले हैं।जिन पर विश्वास करना मुश्किल होता है पर खास बात यह है कि वह किस्से से कभी कभी सच भी होते हैं। ऐसी रहस्यमई और अविश्वसनीय जगह है जिसके बारे में सुनने पर विश्वास तो नहीं होता है लेकिन वह जगह भारत में पहाड़ी लद्दाख के लेह इलाके में स्थित है।
यहां पर सड़क पर गाड़ी खुद-ब-खुद चलने लगती है और अगर आप अपनी गाड़ी को खड़ी करके कहीं जाते तो वह गाड़ी अपने स्थान पर नहीं मिलेगी। इस पहाड़ी इलाके में गाड़ियां 20 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलती हैं। गाड़ियों के खुद-ब-खुद चलने के पीछे कोई ठोस वजह तो सामने नहीं आई है, लेकिन हां! वैज्ञानिकों का मानना है कि इस पहाड़ी क्षेत्र में चुंबकीय शक्ति है जो गाड़ियों को करीब 20 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से अपनी ओर खींचती है। इसी वजह से इस इलाके को मैग्रेटिक हिल कहा जाता है।
इस पहाड़ पर चुंबकीय प्रभाव इतना ज्यादा है कि ऊपर जहाज उड़ती है तो वह भी इस शक्ति से बच नहीं पाती है। यहां से जहाज ले जाते हुए पायलट ने भी बताया कि इस क्षेत्र में उड़ान के वक्त बहुत बार प्लेन में झटके महसूस किए गए और चुंबकीय शक्ति से बचने के लिए उन्हें जहाज की रफ्तार को तेज करना पड़ता है। इस पहाड़ पर ग्रैविटी के नियम फेल हो जाते हैं इसीलिए इस पहाड़ का नाम ग्रैविटी हिल है।
इस नियम के अनुसार हम किसी वस्तु को ढलान पर छोड़ देते हैं तो वहां स्वयं वह लूढ़क जाएगी लेकिन इस चुंबकीय पहाड़ी पर ठीक इसके विपरीत होता है यहां गाड़ी अपने आप चढ़ाव पर चढ़ने लगती है। जैसे कि कोई जादू हो रहा हो।