पॉर्न देखने वालों के लिए यह खबर जरुरी है, कुछ लोगो के द्वारा फर्जी नोट्स दिखा कर उनसे लाखो रूपए लूट लिए है। फर्जी नोटिस भेज कर पैसे वसूले जाने का मामला सामने आया है।
इसके लिए दिल्ली पुलिस के साइबर सेल ने तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। इंडिया टुडे और आजतक की खबर के मुताबिक, पुलिस के नाम पर भेजे गए इन नोटिस में यूजर्स के पॉर्न देखने का दावा किया जाता था, उसके बाद नोटिस में उनसे तीन हजार रुपये का जुर्माना भरने को कहा जाता था। पुलिस को इन अकाउंट के बारे में भी पता चला है, इन अकाउंट्स के जरिए करीब 30 से 40 लाख रुपये के लेनदेन की जानकारी भी पुलिस के सामने आई है |
एक हजार से भी अधिक लोगों को चूना लगाया
रिपोर्ट के मुताबिक, दिल्ली पुलिस ने जिन तीन लोगों को गिरफ्तार किया है, उनमें से दो चेन्नई के रहने वाले हैं। इनके नाम हैं गैब्रियल जेम्स, राम सेलवन और धिनुषनाथ। पुलिस ने बताया है कि धिनुषनाथ का भाई विदेश में रहकर आरोपियों को टेक्निकल सपोर्ट दे रहा था, वो इस समय कंबोडिया में है और इस पूरे फर्जीवाड़े का मास्टरमांइड है, जबकि धिनुषनाथ लोकल मास्टर माइंड।
सोशल मीडिया के जरिए हुआ खुलासा
इस घटनाक्रम का खुलासा मीडिया के माध्यम से हुआ, अरविंद ओझा की रिपोर्ट के मुताबिक, पॉर्न देखने वाले जब ब्राउजर पर इस संबंध में सर्च करते, तो उनकी स्क्रीन पर पुलिस का एक फर्जी पॉपअप आ जाता था। इसमें लिखा होता कि आप पॉर्न देख रहे हैं और यह अपराध है। यूजर्स से यह भी कहा जाता कि उनका कंप्यूटर ब्लॉक कर दिया गया और तीन हजार रुपये जुर्माना चुकाने के बाद ही अनब्लॉक किया जाएगा। इसके साथ ही पुलिस यूजर को गिरफ्तार करने आएगी, यह भी कहा जाता है और यूजर के खिलाफ मुकदमा चलाए जाएगा।
उसके बाद फर्जी नोटिस में यूजर को छह घंटे के अंदर जुर्माना चुकाने के लिए कहा जाता था। साथ ही साथ पैसे ट्रांसफर करने के लिए अलग-अलग विकल्प भी दिए जाते थे, जिसमे इंटरनेट बैंकिंग से लेकर ‘स्कैन एंड पे’ तक का ऑप्शन दिया जाता। रिपोर्ट में बताया कि अब तक हजार से ज्यादा लोगों के साथ धोखाधड़ी हो चुकी है। चूंकि मामला पॉर्न देखने से जुड़ा था, इसलिए किसी भी पीड़ित की तरफ से शिकायत नहीं की गई।
भारत में पॉर्न बनाने से लेकर बेचने और उन्हें शेयर करने और इसके प्रदर्शन इत्यादि पर बैन है। लेकिन कोई बालिग व्यक्ति अपने निजी स्पेस में पॉर्न देख सकता है। हालांकि, चाइल्ड पॉर्नोग्राफी देखना भी भारत में बैन है।