हिमखंडों से ऊपर उठती सागर की लहरें कहती हैं..
काश्मीर के लाल चौक की व्यथा पुरानी कहती हैं..
आजाद, भगत की अमर जवानी संदेश यही देने आई..
पूज्य तिरंगा स्वाभिमान से निज हाथ ले युवा तरूणाई..
“यदि कोई व्यक्ति अपनी मातृभूमि की सेवा नही करता तो उसका जीवन व्यर्थ है”। यह विचार उन समस्त बलिदानों की अग्नि में समाहित हैं जो सिर्फ राष्ट्र को ही देव मान कर चले हैं।
आज का समय भारत का समय है। आज की सदी भारत की सदी है। परंतु यह सदी तब तक जीवित है जब तक सफलता के शीर्ष पर चढ़ते भारत के प्रत्येक नागरिक के हृदय में भारतीय होना गर्व की अनुभूति कराता है।
स्वतंत्रता के 75 वर्ष पूर्ण हो रहे हैं। यह 75 वर्ष का युवा भारत आज हम सभी को उस आत्मनिर्भरता की ओर अग्रसर कर रहा है, जो हमें राष्ट्र की प्रगति को अपनी प्रगति के भाव से उद्दीप्त करती है। आजादी के अमृत महोत्सव का यह स्वर्णिम काल हम सभी को उस अटल सत्य को नमन करने का अवसर भी प्रदान कर रहा है, जो माँ भारती की सेवा में अपना जीवन दान करने वाले वीरों के बलिदान से ही अटलता से आच्छादित हुआ है।
आजादी का अमृत महोत्सव.. क्रांतिकारियों को याद करने का महोत्सव है। यह महोत्सव देश के प्रत्येक घर पर तिरंगा फहराने का महोत्सव है। यह महोत्सव हर घर तिरंगा से एक भारत नया बनाएंगे के दैदीप्यमान नक्षत्र का मार्गदर्शन कर रहा है।
आइए, 11 से 17 अगस्त तक हम सभी मिलकर हर घर तिरंगा फहराने हेतु कटिबद्धता से परिपूर्ण रहें तथा इस उत्सव की गरिमा बढ़ाएं।