एक समय ऐसा था जब धरती पर नए-नए जिओ की प्रजातियां विकसित हो रही थी, तो खत्म भी हो रही थी। इस समय को कैंब्रियन काल कहते हैं। इसी समय एक समुद्री पीढ़ी ने जन्म लिया जो पेनिस के आकार जैसा था। इसे कैंब्रियन पेनिस वार्म कहा जाता था। यह अपने समय के सबसे खतरनाक शिकारियों में से एक थे। लेकिन इसके बावजूद भी इसे खुद भी सुरक्षा की जरूरत थी।
धरती पर मौजूद सभी जीवों के पूर्वज विकसित हो रहे थे। उसी में एक खतरनाक शिकारी था। कैंब्रियन पेनिस वार्म जिसे प्रियापस कहते थे। प्रियापस का अर्थ होता है, नर जननांगों के ग्रीक देवता यानी सामान्य भाषा में पेनिस वार्म, जो 50 करोड़ सालों से समुद्र में जीते है।
आमतौर पर यह जिओ समुद्र की तलहटी में मिट्टी को खोदकर उसके अंदर रहता था। यह जो समुंद्र के सबसे खतरनाक शिकारी में से एक था। लेकिन इसे भी छिपना होता था। जनरल करेंट बायोलॉजी में हाल ही में प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार वैज्ञानिकों को 4 प्रियापुलिड जीवाश्म मिले हैं। जो आइसक्रीम कोन जैसे खोल में रहता था।
इससे ह्मोलिथ कोन शेल कहा जाता है। इस शेल में रहने वाले जिओ समुंद्र से अब खत्म हो चुके हैं। पेनिस वॉर्म के जीवाश्म मिलने से कई खुलासे हुए हैं। लेकिन कैंब्रियन काल में ज्यादातर समुद्री जीव एक जैसे शेल में ही रहते थे, ताकि वो खुद को सुरक्षित महसूस करें। जिस तरह आज के हर्मिट केकड़े रहते हैं। हर कोन के बेस में पेनिस वॉर्म अपने शरीर को टिका कर रखते थे। मुंह और सिर को बाहर की ओर निकालकर शिकार करने की फिराक में रहते थे।
रिसर्च के अनुसार वैज्ञानिकों ने एक ऐसे खाली कोन शेल खोजें हैं। लेकिन उसमें कोई जीव नहीं मिला। 50 करोड़ साल पहले कैंब्रियन काल में ऐसा विकास देखने को मिल रहा था। यानी इस दौरान ने जिन्होंने खुद को बदलना शुरू कर दिया जो अब तक जारी है।