लड़कियां आज किसी भी मामले में पुरुषों से कम नहीं है। वह हर क्षेत्र में अपने हुनर का परचम लहरा रही हैं। ऐसे ही काशी की एक होनहार बेटी पारुल सिंह ने फॉरेंसिक साइंस को अपना लक्ष्य बनाया और इसमें से 76% अंक पाकर अपने और परिवार के साथ ही काशी का भी नाम रोशन कर रही है। पारुल को सीआईडी और क्राइम पेट्रोल देख कर फॉरेंसिक साइंस में दिलचस्पी हुई और उन्होंने इसी सब्जेक्ट को अपना कैरियर बनाने का फैसला किया। फॉरेंसिक साइंस में अपराधियों का पता लगाने के लिए वैज्ञानिक सिद्धांतों और तकनीकों का प्रयोग किया जाता है। इसमें अपराध स्थल से मिले सूक्ष्म से सूक्ष्म सबूतों को इकट्ठा कर इसी से अपराध का पता करते हैं। इनमें बाल जैसी छोटी वस्तु भी शामिल हो सकती है।
बनारस के दारानगर के रहने वाली पारुल ने मीडिया से बातचीत में बताया कि महिलाओं के लिए समाज में कार्य करना बड़ा ही मुश्किल होता है। ऐसे में उन्हें बचपन से ही रिसर्च करने का शौक था। इसी शौक के चलते टीवी पर सीआईडी और क्राइम पेट्रोल देखती थी। इसे ही देखकर उन्हें फॉरेंसिक साइंस में इंटरेस्ट जागा और पारुल ने ग्रेजुएशन पूरा करने के बाद काशी हिंदू विश्वविद्यालय से फॉरेंसिक साइंस सब्जेक्ट से मास्टर्स डिग्री हासिल किया।
पारुल ने बताया कि उनके घर का ऐसा कोई माहौल नहीं था जो उन्हें इस सब्जेक्ट में विशेष रूचि होती लेकिन क्राइम पेट्रोल और सीआईडी देखने के बाद उनके अंदर इस सब्जेक्ट को लेकर रुचि जाएगी और इसी के चलते उन्होंने मास्टर डिग्री हासिल किया।
फॉरेंसिक एक्सपर्ट के विषय में हमारे गृह मंत्री अमित शाह ने लखनऊ में यूपी का पहला फॉरेंसिक यूनिवर्सिटी का शिलान्यास किया। पारुल ने बताया कि इस कैरियर के चुनाव करने में उनके पिता और परिवार का पूरा सहयोग रहा है। वही पारुल और लड़कियों को भी इससे जुड़ने के लिए मोटिवेट कर रही है। पारुल को इन सब के साथ खाली समय में कुकिंग करना और गाने सुनना पसंद है।