इतिहास में ऐसे बहुत से महिलाएं हुई हैं जिन्होंने अपनी वीरता से लोगों को अपने काबू में किया है। ऐसी ही 200 साल पहले चीन की एक ऐसी महिला समुद्री डाकू थी। जिसके पास 18 सौ से अधिक जहाज की मालकिन थी और इस महिला के जीवन की शुरुआत चीन के तटीय इलाके में देह व्यापार से शुरू हुई। जो समुद्र में पुर्तगाल और चीन के सैनिकों का काल बन गई।
यह महिला समुद्री डाकू झेंग यी साओ, शी यैंग और चिंग शी जैसे कई नामों से चर्चा में रहे समुंदरी डाकू हिंसा बर्बर सजा और देह व्यापार की वजह से चर्चा में आए।
चिंग शी का जन्म 1775 में चीन के ग्वांगडोंग में हुआ। उस समय जहाजों और समुद्रों के जरिए होने वाले कारोबार में सिर्फ पूर्व से हिस्सा लेते थे और ऐसे जहाजों और किनारे पर लंगर डालने वाले जहाजों में वेश्यावृत्ति थी। आबादी इतिहासकारों के अनुसार चिंग शी सिर्फ 6 साल की उम्र से ही सेक्स वर्कर बन गई थी।
समुद्री डाकू से की शादी
एक आक्रमण के दौरान झेंग यी की मुलाकात चिंग शी से हुई दोनों में प्यार हुआ और दोनों ने शादी कर ली। इस शादी में झेंग ने अपनी आधी संपत्ति चिंग शी को दी और इसी शर्त पर ही दोनों की शादी भी हुई थी। शादी के कुछ दिन बाद ही झेंग यी ने अपने रिश्तेदारों को पकड़ कर उनका क़त्ल कर दिया और उसके साम्राज्य पर अपना कब्जा कर लिया
चिंग शी एक मछुआरे परिवार के एक लड़के को गोद लिया जो 15 साल का था।
डाकूओं के नेता बनी चिंग शी
डाकू को एकजुट करने में चिंग शी ने अहम भूमिका निभाई। वह डाकू के नेता से बातचीत की देह व्यापार के दौरान संबंधों ने उसकी खूब मदद की। 1808 में चीन के सागर में सक्रिय सभी पाई रेट एक साथ आ गए। जिनकी पहचान अलग-अलग रंगों के झंडों से थे और यह झंडे लाल, काला, नीला, सफेद, पीला और बैंगनी थी। इन सभी डाकुओं को अलग-अलग हिस्सों में बांट दिया गया।
इसी दौरान चिंग शी ने दो बेटों को जन्म दिया। दूसरी बेटी के जन्म के कुछ दिन बाद ही झेंग यी का निधन हो गया। चिंग शी चाहती थी कि डाकुओं का नेतृत्व किसी दूसरे के हाथ में ना जाए, इसीलिए उसने गोद लिए बेटे झांग बाओ की मदद से उन्होंने ताकत को अपने पास केंद्रित कर लिया।
चिंग शी के अवैध संबंध
डाकू के स्वघोषित कानून के अनुसार महिला नेता नहीं सकती थी माना जाता था कि जहाज पर महिला की मौजूदगी से बुरा समय आ सकता है। ऐसे में चिंग शी ने झांग बाओ को नेता बना दिया और धीरे-धीरे चिंग शी ने उसे अपनी कठपुतली बना लिया।
इतिहासकारों के अनुसार उसका अपने बेटे के साथ अवैध संबंध थे। डाकू के समूह में सेना जैसा अनुशासन था। आदेश का पालन न करने वालों को सख्त सजा दी जाती थी। उनके साथ दुर्व्यवहार किया जाता था और उनके कान भी काट दिए जाते एवं नंगा करके घूमाया जाता था और दूसरे डाकू के सामने उन्हें मार दिया जाता था।