रंगीन एक्स-रे पहली बार, इसमें आसानी से देखे जा सकते हैं कोविड-19 के बाद फेफड़े के बदलाव को

कोविड-19 के संक्रमण के बाद शरीर के काफी अंगों में बदलाव हो जाते हैं। उनके काम करने का तरीका बदल जाता है जो नुकसानदायक होते हैं। वैज्ञानिकों ने पहली बार कोविड-19 संक्रमण के बाद शरीर में आए, बदलाव का 3D स्कैन किया कई अंगों की रंगीन तस्वीरें निकालें।

कोरोना की वजह से लाखों लोगों की मौत हो चुकी है और इसे करीब 25 करोड़ से ज्यादा लोग प्रभावित हुए हैं। ऐसा नहीं है कि कोरोना होने के बाद लोग ठीक नहीं हुए हैं। लोगों ने इस पर काबू पाया और ठीक भी हुए हैं, जो लोग कोरोना से ठीक हुए हैं, उनके शरीर के सारे अंग कोरोना से पहले तो सेहतमंद थे। लेकिन कोविड-19 संक्रमण के बाद उनके शरीर के अंगों में काफी बदलाव आया है। उनके काम करने का तरीका भी बदला है और वह बदलाव नुकसानदायक ही है।

वैज्ञानिकों ने कोविड-19 संक्रमण के बाद शरीर में आए बदलाव का 3D स्कैन किया। जिसमें कई अंगों की रंगीन तस्वीरें निकालें।

यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया और यूरोपियन सिंक्रोट्रॉन रिसर्च फैसिलिटी में एक नई तकनीक का उपयोग करके कोविड-19 संक्रमण से पहले और बाद के अंगो का स्कैन किया। इस तकनीक का नाम हैरार्कियल फेज कंट्रास्ट टोमोग्राफी है। यह तकनीक शरीर के विभिन्न अंगों के रंगीन स्कैनिंग और 3D इमेज तैयार करती है। यह इतना ताकतवर है कि अंग के कोशिकाओं के लेवल पर जाकर फोटोग्राफी कर सकती है।

इसका एक्स-रे फ्रांस के ग्रेनोबल में स्थित ईएस एफ ने बनाया है। इस तकनीक में एक्सट्रीमली ब्रिलियंट सोर्स अपग्रेड तकनीक का प्रयोग किया गया है।

जिसकी वजह से यह आम एक्सप्रेस से 100 करोड़ गुना ज्यादा चमत्कारी रूप से काम करती है। इस तकनीक से किसी भी अन्य कोशिकाओं में हुए अंतर या बदलाव को सीधे स्क्रीन पर देख सकते हैं।

यूसीएल मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग की साइंटिस्ट द क्लेयर वॉल्स ने बताया कि शरीर के किसी अंग को अगर हम एक बार में जितने सूक्ष्म स्तर पर जाकर देख सकते हैं तो, इससे चिकित्सा विभाग में रिवॉल्यूशन कोई खास नहीं होगा लेकिन हमने HiP -CT को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से क्लीनिकल तस्वीरों का एनालिसिस किया। जिसे चौकानेवाले परिणाम सामने आए हैं।

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