नन्ही सी उम्र में ही छूटा पिता का साथ, हॉस्टल ही बना मां-बेटी का घर, इतनी कठिनाइयों के बाद भी आईएएस परीक्षा पास की प्रतीक्षा सिंह

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यूपीएससी परीक्षा का परिणाम हाल ही में सामने आया और इस परीक्षा में कुल 761 उम्मीदवार पास हुए हैं। जिसमें 216 लड़कियां तो 545 लड़के हैं। जैसा की आप सभी को पता है कि यूपीएससी देश की सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक है। ऐसे में कई अभ्यर्थी इसमें सफल होने के लिए अपना पूरा प्रयास करते हैं लेकिन पूरे प्रयास के बाद भी सभी इस परीक्षा में पास नहीं हो पाते हैं।

आज हम आपको एक ऐसे ही अभ्यर्थी की जानकारी देने जा रहे हैं। जिन्होंने अपने संघर्ष से अपने लिए एक मुकाम बनाया वह भी अपने ही दम पर। यूपीएससी परीक्षा में अभ्यर्थी प्रतीक्षा सिंह ने 662 रैंक हासिल कर यह सफलता प्राप्त की। गोंदलामऊ विकासखंड के इस्माइल गंज की रहने वाली प्रतीक्षा ने अपनी कड़ी मेहनत से हासिल की है।

छोटी सी उम्र में नहीं रहे पिता और मां भी अपने हक की लड़ाई अभी तक लड़ रही
प्रतीक्षा के मात्र 2 वर्ष की आयु में उनके पिता का निधन हो गया। मां‌ मायके लखनऊ चली गईं।। ससुराल से मदद नहीं मिली तो मायके मेंं रहते हुए पहले एक निजी स्कूल में काम किया फिर बाद में नवोदय में वार्डन पद पर रही। प्रतीक्षा की मां आज भी अपने हक के लिए लड़ाई लड़ रही हैं।

एमटी यूनिवर्सिटी में अपने नंबरों के दम पर पढ़ाई की
प्रतीक्षा बचपन से ही काफी होनहार थी और प्रारंभिक शिक्षा के बाद उन्होंने 6th में जवाहर नवोदय विद्यालय में लखनऊ में एडमिशन लिया प्रतीक्षा 12वीं में नवोदय विद्यालय लखनऊ में टॉप किया फिर एमटी यूनिवर्सिटी लखनऊ में प्रवेश लिया और 95 से ज्यादा नंबर स्कॉलरशिप के जरिए, 6 एमटी यूनिवर्सिटी जैसे महंगी यूनिवर्सिटी से सफलता प्राप्त की। 2016 से ही हॉस्टल ही मां और बेटी का घर है।

प्रतीक्षा पीसीएस भी कर चुकी हैं पास
प्रतीक्षा में एमपी यूनिवर्सिटी से बीटेक करने के बाद लखनऊ विश्वविद्यालय से m.a. राजनीति विज्ञान किया सर्विस की तैयारी और तीसरे प्रयास में सफलता मिली। प्रतीक्षा इसका सारा श्रेय वह अपनी मां और गुरुजनों को देती है। प्रतीक्षा में पीसीएस परीक्षा भी पास कर ली है।

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