प्यार एक खूबसूरत एहसास है। जिसे शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता। प्यार वह एहसास है जिसमें आप अपने साथी के कमियों के साथ उसे अपनाते हैं और उसका जीवन भर साथ देते हैं। प्यार न उम्र देखता है, न मजहब देखता है और ना कोई सीमा देखता है। अगर इंसान को किसी से प्यार हो गया तो वह उसके साथ उसके सुख और दुख में उसका साथ देता है और उसके साथ हमेशा मनोबल बन कर खड़ा रहता है।
ऐसा ही एक मामला सामने आया है। जो आपको काफी हैरान कर देगा। जहां लोग स्मार्ट पति और खूबसूरत पत्नी की कामना करते हैं। वही एक ऐसी लड़की जिसने एक दिव्यांग को अपना जीवन साथी चुना और उसके साथ अपनी पूरी जिंदगी बिताने का फैसला किया। यह मामला बिहार के सुपौल गांव का है। जहां एक रॉन्ग मिस कॉल ने ऐसी दिलचस्प प्रेम कहानी की शुरुआत की।
झारखंड के रांची की गौरी ने एक नंबर पर मिस कॉल किया। वह नंबर सुपौल के बसबिट्टी गांव के रहने वाले दिव्यांग मुकेश को लगा। इस मिस कॉल के बाद दोनों में बातचीत शुरू हो गई और यह बातचीत धीरे-धीरे प्यार में बदल गई। जब लड़की ने मुकेश से शादी की बात की तो मुकेश ने ईमानदारी से अपने बारे में सारी सच्चाई बताइए और गौरी से शादी करने को मना कर दिया। इसके बावजूद भी गौरी अपने फैसले पर अडिग रही। वह मुकेश से शादी करने के लिए सुपौल पहुंच गई। गौरी के पिता और भाई भी वहां पहुंचे और उसे समझाने की पूरी कोशिश की।
लेकिन गौरी नहीं मानी और अंततः मुकेश और गौरी ने कोर्ट मैरिज कर लिया। गौरी के इस फैसले से अधिवक्ता भी आश्चर्यचकित रह गए। उन्होंने उनके आत्मबल को देखते हुए कोई फीस नहीं ली। गौरी को समाज के लिए प्रेरणा बताया और कहा कि किसी विकलांग को स्वीकार करना यह बड़ी हिम्मत की बात है। अधिवक्ता ने सरकार से इस जोड़ी को आर्थिक सहयोग देकर मनोबल बढ़ाने का आग्रह भी किया है।