क्या कभी आपने सोचा है कि अंतरिक्ष में जाते या आते समय अगर किसी की मौत होती है तो उस की डेड बॉडी का क्या होता होगा।
वैसे इस केस में अभी तक सिर्फ तीन एस्ट्रोनॉटिक्स की मौत हुई है।
इस जमीन पर अगर किसी इंसान की मौत होती है तो उनकी लाश, अगर ज्यादा देर तक रख दी जाती है तो उसका रंग बदलने लगता है और उसमें से दुर्गंध आने लगती है, अगर स्पेस में किसी की मौत हुई हो तो इनका क्या हाल होता होगा।
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि स्पेसक्राफ्ट में लाश को स्टोर करने की कोई सुविधा नहीं होती और ना ही कोई जगह होती है। जहां पर मिशन खत्म होने तक एस्ट्रोनॉट्स के डेड बॉडी को रखा जा सके।
तो फिर सवाल उठता है कि आखिर उनकी डेड बॉडी का होता क्या है?तो आइए हम बताते हैं कि हम की डेड बॉडी का क्या होता है?
आईएसएस एस्ट्रोनॉट्स टेरी विटर्स ने इस बारे में लोगों को जानकारी देते हुए बताया कि किसी भी अंतरिक्ष यात्री के लिए स्पेस में मरना सबसे दुखद घटना होती है। टेरी ने बताया कि ट्रेनिंग के दौरान उन्हें यह बताया जाता है कि अगर स्पेस में किसी की मौत हो जाए तो बॉडी को एयरब्लाॅक में पैक करके स्पेस छोड़ दिया जाएं। बॉडी स्पेस की ठंड में आइस ममी में बदल जाते हैं या फिर ऐसा लगने लगता है जैसे बॉडी में विस्फोट हो जाएगा।
यह बात नासा के अपोलो मिशन के दौरान बने स्पेसशूट का टेस्ट करते हुए सामने आई थी। एस्ट्रोनॉट जिम लेब्लैक ने यह टेस्ट वोलेंटियर किया था। नासा के अपोलो मिशन में जिम ने हिस्सा लिया था।स्पेस में जिम एक बड़े वेक्यूम चैंबर में गए। चैंबर में अचानक कुछ दिक्कत आ गई।
जिसके कारण जिम का दम घुटने लगा और वह बेहोश हो गए, उन्हें वहां से तुरंत निकाला गया लेकिन उतने ही क्षणों में जिम ने मौत का अनुभव कर लिया। उन्होंने बताया कि उनके मुंह में थूक उबलने लगा। उनके शरीर के अंग फटने के लिए तैयार हो गए थे। बाद में उनकी हालत का विश्लेषण करने के बाद पता चला कि स्पेस के प्रेशर की वजह से डेड बॉडी में विस्फोट हो जाता है।
मौत की अगर बात की जाए तो स्पेस में मरना सच में भयावह स्थिति है।