आपको मंदिरों के बाहर ट्रैफिक सिग्नल और सड़क के किनारे बहुत से लोग भीख मांगते हुए नजर आ जाएंगे। सबसे बड़ी बात यह है कि यह भीख मांगने वाले लोग सब एक जैसे नहीं होते हैं। उनमें से कुछ तो ऐसे होते हैं जो काम कर सकते हैं लेकिन आलसी होने के कारण उन्हें लगता है कि भीख मांग कर बैठे बैठे कमाई हो जाती है तो मेहनत फिर क्यों करें।
अब बहुत सारे ऐसे भी लोग हो गए हैं, जो घर-घर जाकर भीख मांगना अपना एक धंधा बना लिए हैं। मेहनत करने से अच्छा है कि थोड़ा घूम कर मांग लेंगे और दिन भर में उन्हें खाने से ज्यादा ही मिल जाता है, लेकिन कुछ लोग ऐसे होते हैं जो भीख मांग कर खाने से अच्छा है। कुछ करके खाने में विश्वास रखते हैं। महाराष्ट्र के पूरे की रहने वाली रतन नाम की एक बुजुर्ग महिला ने ऐसे ही काम से लोगों का मन जीता है।
भीख नहीं मांगना चाहती
यह बुजुर्ग महिला को देखकर ही पता चल जाएगा कि इनके अंदर भीख मांग नहीं बल्कि कमाकर खाने के कितनी प्रबल इच्छा शक्ति है। एमजी रोड पर पेन बेचने का काम करती हैं रतन देवी हमेशा मुस्कुराती रहने वाले रतन अपने पेन के डब्बे पर एक खास लाइन लिख रखी है। मैं किसी से भीख नहीं मांगना चाहती प्लीज ₹10 मेरा पेन खरीद लीजिए शुक्रिया आशीर्वाद।
उनकी बोर्ड पर लिखा है। यह लाइन आते जाते लोगों के दिलों को जीता है और लोग उनसे एक पेन तो जरूर ही खरीदते हैं।
उनकी मुस्कान और ईमानदारी ने जीता लोगों का दिल
रतन देवी का यह ईमानदारी की कहानी इंस्टाग्राम अकाउंट पर शिखा राठी नाम की एक लड़की ने साझा किया है। शिखा रतन देवी की मुस्कान वाली एक तस्वीर शेयर करते हुए कैप्शन में रतन देवी की कहानी बयां की है।
रतन देवी की कहानी सभी को पसंद आ रही है। सांसद विजय साई रेड्डी ने भी ट्विटर अकाउंट पर रतन देवी की कहानी को साझा किया और लिखा रतनपुरी की एक शानदार सीनियर सिटीजन है, उन्होंने भीख मांगना मुनासिब नहीं समझा और सड़कों पर पेन बेचना सही समझा।
उनकी मेहनत की कमाई और ईमानदारी से लोगों का दिल जीत लिया हम सभी को उनसे प्रेरणा लेनी चाहिए।
सांसद विजय साई रेड्डी की इस ट्यूटर्स के बाद रतन देवी और उउनकी ईमानदारी और मेहनत की तारीफ सोशल मीडिया पर हो रही है।