कभी आप लोगों ने भी इस बात पर ध्यान दिया है कि जेसीबी आखिर पीले रंग का ही क्यों होता है? उसका रंग और कोई क्यों नहीं होता तो आइए जानते हैं, इसके पीले रंग के होने का कारण….
जेसीबी का मुख्य काम खुदाई करना होता है लेकिन यह अन्य मशीनों से कुछ अलग होता है और इसके अलग होने का मुख्य कारण इसका पीला रंग है। बाकी मशीनों को आप हर रंगों में देखे होंगे लेकिन जेसीबी के मशीन को आप हमेशा पीले रंग में ही देखते हैं। इसका सबसे मुख्य कारण है कि पीला रंग कम रोशनी में भी साफ दिखाई देता है। जेसीबी मशीन का काम केवल उजाले में ही नहीं होता है। वह रात में भी सड़कों की खुदाई का काम करता है और ऐसे में अगर जेसीबी किसी और रंग का होगा तो उसे अंधेरे में देख पाना बड़ा मुश्किल होगा।
इसीलिए जेसीबी को पीले रंग में रंगा जाता है ताकि वह अंधेरे या फिर कम रोशनी में भी आसानी से दिख जाए। आपने गौर किया होगा। इसके अलावा स्कूल की बसें भी पीले रंग की होती हैं और यह उसकी सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए किया जाता है क्योंकि पीला रंग एक ऐसा रंग होता है, जो आपको दूर से और अंधेरे में भी दिखाई दे जाता है। जिससे दुर्घटना होने के चांस कम हो जाते हैं।
आपको अगर हर रंग का कोई सामान दे दिया जाए तो आपकी नजर सबसे पहले पीले रंग के समान पर ही पड़ेगी क्योंकि पीला रंग हमें अपनी ओर आकर्षित करता है। वही वैज्ञानिकों ने भी पाया है कि पीले रंग को लाल रंग की तुलना में 1.24 गुना ज्यादा बेहतर देखा जा सकता है, अगर ठंड और कोहरे की बात की जाए तो घने कोहरे में भी आपको पीला रंग दिखाई दे जाएगा। इन्हीं सब कारणों से जेसीबी के रंग को पीला रखा गया है। वैसे देखा जाए तो जेसीबी का नाम भी जेसीबी नहीं है।जेसीबी मशीन का नाम एक्सकैवेटर है।
जेसीबी तो उस कंपनी का नाम है, जहां पर इसे बनाया जाता है। जिसका पूरा नाम जोसेफ सिरिल बमफोर्ड है। इसका सबसे पहले प्रयोग 1945 में ब्रिटेन में हुआ था। आज भारत में इस कंपनी की फरीदाबाद, पुणे और जयपुर में फैक्ट्रियां हैं। अभी तक आप भी जेसीबी के असली नाम से अंजाम थे अगर हां तो हमें कमेंट करके बताएं।