देश के लिए मर जाना बड़े गर्व की बात होती है। लेकिन यह जज्बा हर किसी के अंदर नहीं होता है। लेकिन अगर आप भारतीय सेना से जोड़ते हैं तो यह अपने आप में ही बड़े सौभाग्य की बात है। जो अपने देश के लिए अपने कर्म और प्राण न्योछावर करते हैं। अपने देश के लिए यह एक बड़े ही सम्मान की बात है कि आप भारतीय सेना से जुड़े ऐसा ही एक गौरवान्वित पुत्री हैं।
जिन्होंने अपने हौसले से अपने पिता का भी मान बढ़ाया है। चाय बेचने वाले शख्स की पुत्री ने भारतीय सेना से जुड़कर अपने पिता के साथ पूरे देश का नाम रोशन किया है। जब वायु सेना के प्रमुख वाईएस भदोरिया की मौजूदगी में आंचल को बतौर अधिकारी नियुक्त किया गया। आंचल ने इस क्षण को एक सपने जैसा बताया और कहा मैं हमेशा से अपने पिता का सर गर्व से ऊंचा करना चाहती थी।
इंडियन एक्सप्रेस से साक्षात्कार के समय आंचल ने बताया कि पिता सुरेश गंगवाल घर चलाने के लिए मध्य प्रदेश के 1 जिले में छोटी सी चाय की दुकान चलाते थे। आंचल पढ़ाई के वक्त से ही भारतीय सेना से जुड़ना चाहती थी। वायु सेना में नियुक्ति से पहले उन्होंने मध्य प्रदेश पुलिस में सब इंस्पेक्टर के तौर पर कार्य किया। स्नातक डिग्री प्राप्त करने के बाद आंचल में सेना ज्वाइन करने का प्रयास जारी रखा।
6 बार उन्होंने असफलता का सामना किया। लेकिन इसके बावजूद उनके मन में भारतीय सेना को लेकर जो आदर और सम्मान था। उसकी वजह से वह इन असफलताओं से दुखी नहीं होती थी बल्कि उससे प्रेरणा लेकर और भी मजबूत ही होती जा रही थी। इसी का नतीजा है कि आज वह भारतीय वायु सेना में बतौर ऑफिसर अपनी सेवा दे रही हैं।
चाय बेचने वाले की बेटी को किन कठिनाइयों का सामना करना पड़ता होगा। इसका कल्पना करना सहज नहीं है। आंचल कठिन और निरंतर मेहनत से अपने विपरीत परिस्थितियों में यह सफलता हासिल की है। जो हर भारतीय लड़कियों के लिए एक प्रेरणादायक हैं।