ऐसी विचित्र मछली जिसके 500 से ज़्यादा दांत होते हैं, हर रोज टूट जाते हैं 20 दांत

strange fish with more than 500 teeth

दुनिया मे अजीबोगरीब चीज़े देखने को मिलती है कई ऐसे जीव जंतु हैं जिन्हें हम जानते ही नहीं लेकिन जब हम पहली बार देखते हैं तब उनके बारे में जानने की कोशिश करते हैं या फ़ॉर वैज्ञानिक उनके बारे में पता करके हमें बताते हैं कि वो जीव कैसे हैं उनकी खासियत क्या है वो क्या खाते हैं वगैरह वगैरह.

आज हम कपको एक ऐसा मछली के बारे में बताने जा रहे हैं जिसके बारे में आपने आज से पहले कभी नहीं सुना होगा ये हमारा वादा है, दरअसल एक ऐसी मछली जिसको करीब 500 से ज़्यादा दांत होते हैं और वह सर्वाहारी है. हालांकि इतना ही काफी नहीं है उसके बारे में कई वो सर्वाहारी है बल्कि ये की सर्वाहारी के साथ साथ एक चौकाने वाला सच ये भी है कि मछली के हर रोज 20 दांत टूट जाते हैं।

अब आप मानिए चाहे न मानिए पर हक़ीकत यही है कि उस मछली के 20 दांत हर रोज अपने से टूट जाते हैं और उसकी जगह हर रोज नए 20 दांत निकल भी जाते हैं, इतना ही नहीं ये मछली अपने शिकार के लिए जानी जाती है, बता दें कि इसके नुकीले दांत हर रोज टूटते हैं और हर रोज नए नुकीले दांत निकल आते हैं, ऐसे में मुद्दा ये है कि हर रोज नुकीले दांत कैसे निकल आते हैं।

तो आपको बता दें कि इस बात की खोज वैज्ञानिक भी कर रहे हैं कि ऐसा कैसे हो सकता है कि 20 दांत टूटे और उतने ही निकल आये और वो भी वैसे का वैसे लेकिन बता दें कि अभी वो इस बात का पता नहीं लगा पाए हैं कि ऐसा कोसे संभव होता है.

बता दें कि, कैलिफोर्निया के पास नॉर्थ पैसेफिक में पाई जाने वाली लिंग्कॉड मछली 5 फीट तक लंबाई में बढ़ सकती है, वहीं इसका वजन 80 पाउंड तक हो सकता है. मछली खतरनाक शिकारी है मगर इसके दांत हर दिन गिर जाते हैं और हर दिन नए उगते हैं. गिरने और निकलने की ये प्रक्रिया निरंतर जारी है.

शिकार करने के लिए दातों का टूटना है जरूरी
गौरतलब हो कि, यूनिवर्सिटी ऑफ वॉशिंग्टन की डॉक्टर कार्ली कोहीन का कहना है कि मछली के मुंह में हर बोनी सर्फेस दांतों से कवर रहता है. नेशनल जियोग्राफिक से बात करते हुए उन्होंने कहा कि उनके ऊपरी और निचले जबड़े बिल्कुल हमारी तरह होते हैं मगर वो ज्यादा लचीले होते हैं जिसके चलचे मछली जरूरत के मुताबिक उसे फैला सकती है. ह्यूस्टन की राइस यूनिवर्सिटी के एक वैज्ञानिक ने बताया कि मछली अपने बेहद नुकीले दांतों से शिकार करती है जो हर शिकार के बाद कमजोर हो जाते हैं और उनका नुकीलापन भी खत्म हो जाता है. ऐसे में अगर उन्हें अपने दातों से अपने शिकार को मजबूती से पकड़ना है तो उनके दातों का नुकीला होना बहुत जरूरी है।

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