आजकल के युवाओं को न जाने क्या सूझी रहती है कुछ अलग काम करने की और वह इन कामों को करते हुए यह भी नहीं सोचते हैं कि उसका अंजाम क्या होगा? ऐसे ही एक युवा ने रक्षाबंधन के पावन मौके पर अपनी बहन से सांपों को राखी बंधवाने की धुन सवार हुए और ऐसा करने पर उस युवक की सांप के डंसने से जान चली गई।
बिहार के सारण जिले के रहने वाले मनमोहन पिछले 10 सालों से जहरीले सांपों के रेस्क्यू और सांप द्वारा डंसे लोगों का इलाज करने का काम करता था। 25 साल के मनमोहन ने कई जहरीले सांपों का रेस्क्यू कर चुका था। रविवार को वह सांप के पूंछ को पकड़ कर अपनी बहन से उसे राखी बंधवा रहा था। तभी एक सांप ने उसके पैर की उंगली में डंस लिया। आप इस घटना को सोशल मीडिया पर देख सकते हैं जिसमें वह अपनी बहन से सांपों को राखी बनवाने की कोशिश कर रहा है।
मनमोहन को जब सांप ने डंसा तो परिजन झाड़-फूंक करके इलाज करने ले गए। झाड़-फूंक में ही मनमोहन की हालत काफी बिगड़ गई और उसे जल्दी-जल्दी एक स्वास्थ्य केंद्र में ले जाया गया, जहां पर एंटी वेनम इंजेक्शन नहीं था जिसके कारण परिजन को वहां से छपरा अस्पताल ले जाना पड़ा। जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। सही समय पर सही इलाज नहीं मिल पाने के कारण मनमोहन की मृत्यु हो गई।
मनमोहन को गांव में सांपों के रेस्क्यू के लिए लोग बुलाया करते थे। गांव वालों का दावा है कि वह मंत्रों से सांपों को वश में करता था और फिर उसे पकड़ लेता था। मनमोहन की मृत्यु की खबर सुनकर गांव वाले भी काफी उदास है। मनमोहन अपने गांव के आसपास के जिलों में भी सांपों के रेस्क्यू के लिए काफी मशहूर था। बहुत से जगहों पर सांप को पकड़ने के लिए उसे बुलाया जाता था और वह उन्हें पकड़ जंगलों में छोड़ देता था।
इससे हम सभी को सीख लेनी चाहिए कि कोई भी ऐसा काम करने से पहले उसके अंजाम को जरूर सोच लेना चाहिए क्योंकि बिना सोचे किए गए काम का अंजाम हमेशा हानिकारक ही होता है और कभी कभी यह हमारी जान के लिए भी खतरनाक बन जाता है।
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