मर्दों के बाल और दाढ़ी बनाती हैं यह महिला, जानिए क्यों बनी नाई…

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हमने अक्सर औरतों को शहरों के बड़े-बड़े ब्यूटी पार्लर और जेंट्स पार्लर में काम करते हुए देखा है। लेकिन शायद ऐसा पहली बार होगा जब एक औरत लोगों के घर जाकर उनके दाढ़ी – बाल बनाती है।

जी हां, यह मामला सामने आया है बिहार के सीतामढ़ी के बाजपट्टी इलाके की बररी फुलवरिया पंचायत के बसौल गांव से जहां 35 वर्षीय सुखचैन देवी अपनी बूढ़ी मां और बच्चों की परवरिश और पढ़ाई के लिए, लोगों के घर जाकर उनके बाल – दाढ़ी बनाती है। महिला के पति रमेश चंडीगढ़ में बिजली मिस्त्री का काम करते हैं। लेकिन इतनी कमाई से घर चलाना मुश्किल हो रहा था, इसी वजह से सुखचैन देवी यह रास्ता चुना।

आपको बता दें कि ससुराल में जमीन की कमी होने के कारण सुखचैन देवी अपने बच्चों के साथ अपनी मां के घर ही रहती हैं। सुखचैन देवी का यह रास्ता आसान नहीं था लेकिन अपने मायके में रहने की वजह से वह वहां के लोगों की बहन और बेटी बनकर उनके घर जाकर उनके बाल और दाढ़ी बना सकती हैं। जिनसे उन्हें अपने घर खर्च में थोड़ी मदद मिल जाती है।

नाई परिवार में जन्मीं सुखचैन देवी ने यह काम किसी से सीखा नहीं। ब्लकि मां-बाप की एकलौती संतान होने के चलते बचपन में जब उनके पिता जहां भी दाढ़ी-बाल बनाते जाते थे, तो उन्हें साथ ले जाते थे। अपने पिता को देखते-देखते उन्होनें यह काम सीख लिया। बड़ी होने पर मायके में बच्चों के बाल काटने से शुरुआत की। लेकिन शादी के बाद इससे भी नाता टूट गया।

लेकिन आज उनका पुश्तैनी काम फिर से उनकी मदद कर रहा है और उनके जीवन.- यापन को आसान कर रहा है। सुखचैन देवी नाई का सामान लेकर सुबह से ही अपने गांव में निकल जाती है और जब वह शाम को लौटती हैं तो तकरीबन उन्हें ₹200 मिल जाते हैं, जिनसे उनकी बहुत सहायता हो जाती है।

 

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