मोहम्मद अली जिन्ना को आज हम सभी जानते है, उन्होंने पाकिस्तान को एक अलग मुल्क बनाने में कामयाबी हासिल की थी। उन्होंने सभी कुछ बाटकर पाकिस्तान की एक अलग मुल्क घोषित करवा दिया लेकिन वह अपने साथ तीन बेशकीमती चीजें जो नहीं ले सके। हम आपको वह तीन बेशकीमती चीजों के बारे में बताएंगे।
मोहम्मद अली जिन्ना और महात्मा गांधी सौराष्ट्र के काठियावाड से संबंध रखते थे। उनकी शादी महज 16 साल की उम्र में करा दी गई थी क्योंकि उनकी मां को ड़र था कि कहीं बेटा विदेश जाकर किसी और से शादी ना कर ले। उनकी शादी अपने ही रिश्तेदार की बेटी से करा दी गयी थी, जिनका नाम अमीबाई था उनकी मृत्यु बहुत जल्द हो गई थी।
जिन्ना इंग्लैंड पढाई करने के बाद मुंबई आ गए और यहीं पर वकालत करने लगे, यहां पर जिन्ना किसी काम के सिलसिले व्यापारी के घर गए, वहीं उनकी मुलाकात पेटिट की बेटी रत्तनबाई से हुई और वो अपना दिल दे बैठे। और एक दूसरे से प्यार करने लगे थे, जिन्ना ने शादी की बात रत्तनबाई के पिता से की लेकिन वो इसके लिए तैयार नहीं हुए। क्योंकि जिन्ना मुस्लिम धर्म से संबंध रखते थे, अपनी बेटी से साफ शब्दों में कह दिया कि वो जिन्ना से ना मिलें इसके बावजूद दोनों के बीच प्यार बढ़ता गया। जब रत्तनबाई 18 साल की हुई तब उन्होंने धर्म परिवर्तन कर जिन्ना से शादी कर ली और पारसी समाज से नाता तोड़ लिया।
कहा जाता है की सितंबर 1948 में जब जिन्ना की मृत्यु हुई थी तो उनके अंतिम संस्कार में दीना वाडिया पहुंची और शोक संदेश में लिखा था कि बेहद दुःखद स्थिति में उनके पाकिस्तान बनाने का सपना साकार हुआ है।
मुंबई के सबसे पाश इलाके मालाबार हिल्स पर जिन्ना का बंगला था, जिसे जिन्ना हाउस भी कहा जाता था, जिन्ना का ये बंगला महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री आवास के पास है। इसे 1936 में बनवाया था, इसे बनाने में लगभग 2 लाख रुपये खर्च किए थे, यह बंगला ढाई एकड़ में फैला है।
जब विभाजन हुआ था तो जिन्ना ने नेहरु से कहा था कि इस बंगले को यूरोपीय दूतावास को सौंप दें क्योंकि उन्हें लगता था कि भारतीय इस बंगले के लायक नहीं हैं। इस बंगले को ब्रिटिश हाई कमीशन को लीज पर दे दिया गया था, और साल 2003 में इस बंगले को खाली करवाया गया।