सैन्य सुरक्षा तथा भ्रष्टाचार रोकने के ओर एक फैसला सुप्रीम कोर्ट का.
देश भर के थानों में सीसीटीवी लगाने का सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश जारी किया है। सुप्रीम कोर्ट ने आज देश भर के राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को निर्देश दिया है, कि सही भावना से कोर्ट के आदेश को लागू कराया जाए। थाने का एसएचओ तमाम डाटा और सीसीटीवी के रखरखाव के लिए जिम्मेदार होगा और एसएचओ इस बात को सुनिश्चित करेगा कि सीसीटीवी वर्किंग कंडिशन में रहे। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को निर्देश दिया है कि वह सीबीआई, ईडी, एनआईए, एनसीबी, डीआरआई, सीरियस फ्रॉड इन्वेस्टिगेशन आदि के दफ्तर में भी सीसीटीवी लगाए जाएं।
कैमरा लॉकअप से लेकर थाने के चप्पे-चप्पे पर लगाया जायेगा।
सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस रोहिंटन एफ नरीमन की अगुवाई वाली बेंच ने कहा कि राज्य और केंद्र शासित प्रदेश सुनिस्चित करे कि हर पुलिस थाने में तथा सभी जांच एजेंसियों के दफ्तरों में सीसीटीवी लगाए जाएं।और थाने का कोई भी एरिया सीसीटीवी के कवरेज से बाहर न रहे। सभी एंट्री और एग्जिट पर सीसीटीवी की नजर होनी चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मेन गेट के अलावा सभी लॉकअप में सीसीटीवी होने चाहिए .जिससे सुरक्षा तथा भ्रष्टाचार दोनों से रहत मिलाने की संभावना है।
सभी थाने और सभी चेकिंग पोस्ट पर CLEAR QUALITY का CAMARA तथा नाइट विजन वाला होना चाहिए इसमें विडियो और ऑडिटो फूटेज हो.और ‘बाजार के सबसे उम्दा सीसीटीवी लगें’.
सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस रोहिंटन एफ नरीमन की अगुवाई वाली बेंच ने कहा की सीसीटीवी नाइट विजन वाला होना चाहिए और इसमें विडियो और ऑडिटो फूटेज हो। जहां भी देश भर में थाने में नेट और बिजली की उपलब्धता नहीं है वहां बिजली की उपलब्धता सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों की होगी। बिजली के लिए सोलर और विंड इनर्जी की व्यवस्था की जाए। सीसीटीवी ऐसी हो को क्लियर विजन वाला हो और सीसीटीवी का डिजिटल विडियो रेकॉर्डर हो। सीसीटीवी का डाटा 18 महीने तक प्रिजर्व हो ऐसी व्यसव्था की जाए।
इसके लिए सुप्रीम कोर्ट ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के प्रिंसिपल सेक्रेटरी, कैबिनेट सेक्रेटरी या फिर होम सेक्रेटरी हलफनामा दायर कर बताएं कि अदालत के आदेश का पालन के लिए एक्शन प्लान क्या है। और टाइम लाइन क्या होगी। अदालत ने इसके लिए छह हफ्ते का वक्त दिया है।
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