अफगानिस्तान पर कब्जा करने के बाद तालिबान अपने आप को सुधरा हुआ दिखाने में लगा हुआ है। वह 20 साल पहले से बदला हुआ अपने आप को बताने का दावा कर रहा है और महिलाओं को शरीयत के हिसाब से उन्हें हक देने का भी वादा कर रहा है तो वही तालिबान के लड़ाके काबुल की सड़कों पर घूम घूम कर सरकारी कर्मचारियों से काम पर लौटने के लिए कह रहा है।
तो वही इन सब के पीछे तालिबान के खिलाफ विद्रोह का बिगुल बज उठा है और यह बिगुल पंजशीर से बजनी शुरू हुई है। जहां पर तालिबान के आतंक के खिलाफ बगावत कर दिया गया है। नॉर्दन एलायंस ने तालिबान के खिलाफ अपना झंडा फहरा दिया है और जलालाबाद में बड़ी संख्या में लोग अफगानिस्तान का राष्ट्रीय ध्वज लेकर सड़कों पर उतर आए हैं।
प्रदर्शनकारी एक व्यस्त चौक पर अफगानिस्तान का झंडा फहरा दिए खबर की माने तो इन लोगों पर तालिबान के लड़ाकों ने गोलियां भी चलाई। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार पंजशीर इलाके में अब तक काबुल का कब्जा नहीं हुआ था। इसके अलावा अफगानिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति अमरुल्लाह सालेह में चरीकर इलाके को अपने कब्जे में ले लिया है।
चरीकर वह इलाका है जहां पर सड़क काबुल और मजार ए शरीफ को जोड़ती है। अशरफ गनी के काबुल से भागने के बाद अमरुल्ला सालेह ने खुद को कार्यवाहक राष्ट्रपति घोषित कर दिया है और उन्होंने इस घोषणा में कहा है कि वह अभी भी अफगानिस्तान में मौजूद हैं और वह तालिबानियों के हथियार की कठपुतली कभी भी नहीं बनेंगे और उनके खिलाफ युद्ध करेंगे।