अध्यापक पात्रता परीक्षा में कुछ परीक्षार्थी परीक्षा देने से चुके गए। केंद्र का काफी दूर होने के कारण समय पर पहुंचना उनके लिए मुश्किल हो गया था। निर्धारित समय के अनुसार गेट बंद होने पर एक महिला अभ्यर्थी के आंसू बह निकले।
गुजरात के थार से दमयंती तंवर रीट परीक्षा देने पहुंचे और उनका गवर्नमेंट सेंट्रल गर्ल्स स्कूल में केंद्र था। वह सुबह 9:00 बजे सेंटर पहुंच गए और 10:00 बजे से परीक्षा शुरू था लेकिन उनके पास प्रवेश पत्र नहीं था। जिससे वह ई-मेल से निकलवाने का प्रयास किया लेकिन उन्हें अपना रोल नंबर भी नहीं याद था फिर एक बाइक युवक से मदद मांगी और बहन के घर से प्रवेश पत्र लेकर लौटी, लेकिन जब तक वह लौटी तब तक केंद्र का गेट बंद हो चुका था।
परीक्षा शुरू होने में 5 मिनट बाकी थे
जब दमयंती तंवर केंद्र तक पहुंचे तो परीक्षा शुरू होने में 5 मिनट बाकी थे और इसी के कारण उन्हें गेट बंद हो चुका था। उन्होंने गेट खोलने की खूब विनती की। उन्होंने कहा साल भर मेहनत करने के बाद परीक्षा देने आई है और परीक्षा में अभी 5 मिनट बाकी है तो उन्हें प्रवेश लेने दिया जाए लेकिन ऐसा हुआ नहीं।
परीक्षा में 3 मिनट की देरी भी मंजूर नहीं
ऐसा ही एक और मामला आया है। जिसमें प्रगति उत्तम जो अस्पताल में भर्ती थी उनके परिजन उन्हें उनके परीक्षा केंद्र तक लेकर पहुंचे, लेकिन केंद्र में उन्हें प्रवेश नहीं मिला और इसका कारण बताया जा रहा था, 3 मिनट की देरी प्रगति के पति उन्हें लेकर इधर-उधर भटकते रहे और उन्होंने अस्पताल में भर्ती होने का सर्टिफिकेट भी दिखाएं, लेकिन केंद्र से किसी ने कोई सकारात्मक प्रतिक्रिया नहीं दिखाएं। जिसके कारण प्रगति उत्तम परीक्षा देने में असमर्थ रही।
वैसे इस संदर्भ में आपका क्या कहना है। आप के हिसाब से क्या होना चाहिए 5 मिनट या 3 मिनट की देरी में अभ्यर्थियों को प्रवेश देना चाहिए या नहीं। कमेंट सेक्शन में हमें बताएं।