असम से एक वीडियो सामने आया है। जिसमें आप देख पाएंगे कि किस प्रकार से जवानों को एक इमरजेंसी तंबू को लगाने की ट्रेनिंग दी जा रही है। इस वीडियो में आप देख पाएंगे। उन्हें तंबू लगाने का एक निर्धारित समय दिया गया है और उसी समय के अंदर उन्हें अपने ग्रुप के साथ उसे खड़ा करना है।
इस परीक्षण में उन्हें उनके इस परीक्षण में उनकी आपस की बॉडिंग और एक सोच के साथ कार्य करने की शैली को दिखा जा रहा है। इस वीडियो में आप देख पाएंगे कि मैदान के आसपास बहुत सारे ट्रेनिंग कैंडिडेट खड़े हुए हैं और वह इस प्रक्रिया को देख रहे हैं।
वही कुछ अधिकारी मोबाइल से इसका वीडियो भी बना रहे हैं। कुछ अधिकारी गण खड़े होकर तंबू लगा रहे हैं। कैंडिडेट का निरीक्षण कर रहे हैं और उनकी कार्यशैली की जांच कर रहे हैं।
इस वीडियो में आप साफ़ तौर पर देख पाएंगे कि किस प्रकार कैंडिडेट तंबू को खड़ा करने में तीव्रता दिखाते हुए। वह इस पूरी प्रक्रिया में सफल भी होते हैं, जैसे ही तंबू खड़ा होता है मैदान में तालियों की गड़गड़ाहट सुनाई देने लगती है। अधिकारी उस तंबू के जांच में लग जाते हैं।
वीडियो देखने में बड़ा ही शानदार है और
सैनिकों को इस तरह की ट्रेनिंग इमरजेंसी के रूप में दी जाती है कि कभी कोई ऐसी इमरजेंसी आए। किसी जगह जाना हो तो वह साथ मिलकर कितनी जल्दी तंबू को खड़ा कर पाएंगे।
वैसे हम जितना आसान समझते हैं सैनिकों की ट्रेनिंग वह इतना आसान तो नहीं होता। इस एक ही वीडियो से वास्तविकता मालूम हो जाएगा
लेकिन हां सैनिकों की तारीफ तो करनी होगी, जो कठिन ट्रेनिंग के बाद पूरे देश की रक्षा करने में अपनी जान तक गंवा देते हैं।
watch video : https://fb.watch/8Cr1LNQG-d/