दुनिया के कोने कोने में अपने देश का नाम ऊँचा कर रहे है भारतीय ।
भारत के प्रवासी दुनिया के हर कोने में कोई ना कोई भारतीय प्रवासी आपको जरूर मिलेगा। वहीं विदेश मंत्रालय का कहना है कि इस समय दुनिया में भारत से बाहर 1.34 करोड़ लोग अलग-अलग देशों में रहते हैं। इन भारतयी प्रवासियों में सबसे ज्यादा नाम कमला हैरिस का हो रहा है, जो आज अमेरिका की उप राष्ट्रपति बनने जा रही हैं। आइए जानते हैं कि भारतीय प्रवासियों का यह सफर कब और कैसे शुरू हुआ था…
240 साल पहले हुई थी खानदान की शुरुआत झेलना पड़ा प्रवासियों का बहिष्कार , बनने जा रही है अमेरिका की उपराष्ट्रपति
साल1970 में मद्रास (अब चेन्नई) का रहने वाला शख्स सबसे पहले अमेरिका पहुंचा था। वह उसी इलाके का रहने वाला था, जहां श्यामला गोपीलन का परिवार रहता था। श्यामला गोपालन कमला हैरिस की मां हं। इस दौरान भारतीय प्रवासियों ने बहिष्कार झेला, उन्हें नागरिकता देकर वापस ले ली गई, उन्हें भेदभाव बर्दाश्त करना पड़ा।
इसके बावजूद उन्होंने अपने अधिकार हासिल किए और नोबेल पुरस्कार जीते और विश्वविद्यालयों का नेतृत्व किया। ऐसे यह समुदाय सबसे ज्यादा आमदनी और शिक्षा पाने वाला पाने वाला समुदाय बन गया। अब भारतीय प्रवासी अमेरिका की जनसंख्या में एक फीसदी से ज्यादा हिस्सेदारी रखते हैं।
आज कमला हैरिस अमेरिका की उपराष्ट्रपति बनने जा रही है जिसे देखकर हमें यह शिख मिलती की हम किसी भी परिस्थिति में हमें हर नहीं मानना चाहिए । प्रयत्न करना चाहिए और परिश्रम का फल सदैव मीठा होता है ।