जैसा कि हम सभी जानते हैं सड़क पर चल रहे प्रत्येक वाहनों का अपना एक नंबर होता है, जिसे हम उनकी पहचान मानते हैं। यह नंबर उन्हें आरटीओ द्वारा प्रदान किया जाता है, जब वाहन मालिक अपने वाहन को आरटीओ ऑफिस में रजिस्टर करवाता हैं। इस क्रमांक से वाहन और वाहन मालिक की जानकारी हासिल की जा सकती है।
लेकिन आज हम आपको कुछ ऐसे वाहनों के बारे में बताने जा रहे हैं, जिन पर आरटीओ ऑफिस एवं अन्य यातायात की कोई भी नियम लागू नहीं होते। हम बात कर रहे हैं, इंडियन आर्मी की जिस प्रकार इंडियन आर्मी भारत की शान है, ठीक उसी प्रकार इनके द्वारा प्रयोग किए जाने वाले वाहनों की भी अपना शान है।
आपको बता दें कि इंडियन आर्मी का नंबर प्लेट अन्य वाहनों की नंबर प्लेट से भिन्न होता है। नंबर प्लेट को देश, राज्य और डिस्ट्रिक से अलग बेस ओर सर्विष कोड के हिसाब से होता है। मिलिट्री की वाहने संरक्षण मंत्रालय के अधिकार क्षेत्र में रजिस्टर होती है। इन वाहनों पर एक ऊपर की तरफ दिखाया हुआ तीर रहता है और तीर के आगे जिस वर्ष गाड़ी बनाई गई या आयात कराई गई उस वर्ष के आखिर के दो क्रमांक होते हैं। उसके आगे होता है वाहन क्रमांक और उसके आगे होता है गाड़ी का दर्जा..! मिलिट्री वाहनों के नंबर प्लेट पर तीर इस कारण दर्शाए जाते है कि अगर गलती से नंबर प्लेट उलटी लग गई तो उस तीर की वजह से ध्यान में आ जाए, यह चिन्ह आपको संरक्षण मंत्रालय के गाड़ियों पर ही नही बल्कि हर संपदा पर दिखेगा।
आपको बता दें मिलिट्री की वाहनों का प्रयोग सिर्फ संरक्षण मंत्रालय के अधिकृत कार्यों के लिए किया जाता है। इन वाहनों की नंबर प्लेट का रंग काला या हरा होता है। इन वाहनों को यातायात नियमों का पालन करने की कोई आवश्यकता नहीं है। यह किसी भी सिग्नल को तोड़ सकते हैं। आमतौर पर वाहनों पर आरटीओ और यातायात द्वारा लगने वाले नियमों का मिलिट्री के वाहनों पर कोई हक नहीं होता।
इतना ही नहीं आपने कभी ध्यान दिया होगा तो आपको मिलिट्री के वाहनों पर स्टार दिखे होंगे। यह स्टार अधिकारी के पद को दर्शाते हैं। अगर थल सेना का कोई दलप्रमुख अधिकारी हो तो गाड़ी पर लाल रंग की दूसरी प्लेट लगाई जाती है जिसपर चार स्टार्स होते हैं। अगर वायुसेना का कोई दलप्रमुख अधिकारी हो तो उसकी गाड़ी पर आकाशी रंग की दूसरी प्लेट लगाई जाती है जिसपर चार स्टार्स होते हैं। उसी प्रकार से अगर नौसेना का कोई दलप्रमुख अधिकारी हो तो गाड़ी पर नेव्ही ब्ल्यू रंग की दूसरी प्लेट लगाई जाती है जिसपर चार स्टार्स होते हैं।
इन अधिकारीयों के पद से ऊपर होनेवाले अधिकारी मतलब थलसेना प्रमुख, नौसेना प्रमुख या वायुसेना प्रमुख होंगे तो उनकी गाड़ियों पर पाँच स्टार्स होते हैं, यह स्टार्स यह दर्शाते हैं कि अधिकारी सेवा-निवृत्त होने के बाद भी इसका इस्तेमाल कर सकते है। इसके आलावा राष्ट्रपति और राज्यपाल को सरकार की तरफ से मिलनेवाली गाड़ियों पर, स्वर्णअंकित अशोकस्तंभ होता है। इन गाड़ियों का कोई क्रमांक नही होता। ऐसी होती है इन सरकारी गाड़ियों की शान!! ।