बेटे को हमेशा कहते थे पिता तू एक दिन बनेगा अफसर, लेकिन अफसर बनते हुए देख न सके

Father always used to call son

माता पिता हमारे लिए ही सोचते हैं और हमारे सपनों को पूरा करने के लिए ही वह जीते मरते हैं। ऐसा ही हुआ गौरव सिंह सोगरवाल के पिताजी उन्हें अफसर बनना देखना चाहते थे लेकिन उनका यह सपना पूरा होता देखने के लिए नहीं रहे। बेटा अफसर बनेगा करते-करते पिता जी दुनिया छोड़कर तो चले गए, लेकिन उनकी कहीं बात गौरव के दिल में बैठ गई थी और उन्होंने मुश्किलों को पार करके अपने पिता का सपना पूरा किया।

पिता की मृत्यु के बाद घर की सारी जिम्मेदारी
गौरव सिंह सोगरवाला आईएएस है। राजस्थान के भरतपुर जिले के गांव जगिना के रहने वाले गौरव का जन्म एक किसान के परिवार में हुआ था। उनके पिता खेती करते थे, पिता का सपना था कि गौरव 1 दिन बड़े अफसर बने। उनके पिता का यह सपना पूरा तो हुआ। पिता के जाने के बाद मां बहन का खर्च गौरव पर आ गया। वह अपने घर का खर्च देखने के साथ ही सिविल परीक्षा में भी सफलता हासिल की।

गौरव के पिता का सपना
इंटरव्यू के दौरान गौरव ने बताया कि उनके पिताजी चाहते थे कि मैं एक बड़ा अफसर बंनू। मुझे पढ़ाने के लिए वह खेतों में दिन रात मेहनत किया करते थे ताकि मेरी पढ़ाई में कोई परेशानी ना हो और मैं 1 दिन उनका नाम रोशन कंरु। गौरव ने बताया कि वह किसान के घर के बेटे थे इसीलिए उन्हें खेती संबंधी सारी जानकारियां है।

आईएएस बनने की प्रेरणा गांव की समस्याओं से मिली
गौरव के पिता खेती करने के साथ एक शिक्षा भी थे और गौरव के अलावा घर में दो भाई-बहन हैं। जिसमें उनकी बड़ी बहन बायोलॉजी में पीजी तक पढ़ाई की है तो उनके छोटे भाई एमबीए करने के बाद एक मल्टीनेशनल कंपनी में जॉब करते हैं। गौरव पूणे से इंजीनियरिंग करने के बाद परिवार चलाने के लिए 3 साल तक प्राइवेट नौकरी के किए।

गौरव ने बताया कि यूपीएससी परीक्षा में शामिल अभी तक एक अंक से वह परीक्षा में पीछे रह गए। दूसरे प्रयास में सिर्फ एक से ही मुख्य परीक्षा में पीछे रहते हैं। इस असफलता से गौरव काफी परेशान थे लेकिन उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और परिश्रम करते रहे। तीसरी प्रयास में बीएसएफ में असिस्टेंट अमाउंटेड के रूप में हुआ। इसके बाद गौरव में तैयारी अपनी जारी रखते हुए मुख्य परीक्षा को अच्छे अंक से पास किया।

आईएएस में गौरव को उत्तर प्रदेश कैडर मिला। उत्तर प्रदेश में आईएएस अधिकारी और सीटीएम के पद पर कार्यरत हैं। गौरव की पत्नी भी एक आईएएस ऑफिसर हैं। कोरोना काल में दोनों ने देश के प्रति अपनी जिम्मेदारियों को बखूबी निभाते हुए लोगों का सहयोग भी किया।

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