वैवाहिक जीवन का सबसे बड़ा सुख दंपत्ति की संतान होती हैं और जब बच्चा ना हो तो जीवन अधूरा सा हो जाता है। कुछ ऐसा ही हाल था, गाजियाबाद के एक दंपत्ति का जिन्हें शादी के 8 साल बाद तक कोई संतान नहीं हुई। दंपत्ति और उनके घर वालों ने संतान की आस छोड़ दी थी। दंपत्ति ने कई डॉक्टरों से सलाह ली थी और एआरटी जैसी प्रक्रियाओं को भी अपनाया था, लेकिन उन्हें इसमें कोई सफलता नहीं मिली।
लेकिन कहते हैं ना, भगवान के घर देर है, अंधेर नहीं। अगर भगवान के ऊपर भरोसा सच्चा हो तो वह आपका दुख जरूर हर लेते हैं।
कुछ ऐसा ही हुआ इस निराश दंपत्ति के साथ पिछले वर्ष दक्षिणी दिल्ली के ‘सीड्स ऑफ इन्नोसेंस’ की सलाह पर महिला ने प्रेग्नेंट होने के लिए आईवीएफ तकनीक की मदद ली, जिसमें वह सफल हुई।
महिला ने आईवीएफ तकनीक की मदद से 12 जुलाई को एक साथ 4 बच्चों को जन्म दिया। जिनमें तीन लड़के और एक लड़की शामिल है। महिला व बच्चे पूरी तरह स्वस्थ है, आपको बता दें कि महिला की उम्र मात्र 32 वर्ष है।
दंपत्ति अपने चारों बच्चों के साथ गाजियाबाद में अपने घर आ चुके है। ‘सीड्स ऑफ इन्नोसेंस’ की निदेशक और सह-संस्थापक डॉ. गौरी अग्रवाल ने कहा कि क्लीनिक आने से महिला आईयूआई के चार चक्र से गुजर चुकी थी। जब जांच की गयी तो पता चला कि एंटी मुलेरियन हार्मोन (एएमएच) का स्तर कम था, ऐसे में आईवीएफ की जरूरत थी। महिला और उसका पति आज अपनी चारों बच्चों के साथ बहुत खुश है।
हम ईश्वर से यही प्रार्थना करते हैं कि महिला और उसके चारों बच्चे स्वस्थ रहें और उनका परिवार इसी तरह हरा भरा रहे, ईश्वर उनके बच्चे को दीर्घायु प्रदान करें और सब को उचित मार्गदर्शन दें।