यूपी के मुरादाबाद जिले में रहने वाले एक व्यक्ति को डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया और उसे मोर्चरी में रखवा दिया। व्यक्ति भोर में 4:00 बजे के करीब मोर्चरी में रखा गया। सुबह 11:00 बजे देखा गया तो उसकी सांसें चल रही थी। उस व्यक्ति को तुरंत वार्ड में शिफ्ट करा कर, उसका इलाज शुरू किया गया और जब हालत गंभीर हुई तो उसे मेरठ मेडिकल कॉलेज में रेफर किया गया। जहां वह जिंदा है और उसका इलाज चल रहा है।
जानिए पूरा मामला
इंडिया टूडे की रिपोर्ट के अनुसार व्यक्ति का नाम श्रीकेश है। वह नगर निगम कर्मचारी हैं। दूध लेने के लिए देर रात घर से निकले थे तभी सड़क पार करते समय श्रीकेश के साथ हादसा हो गया। इलाज के लिए तीन अलग-अलग निजी अस्पताल में ले जाया गया। अंत में डॉक्टर ने उन्हें मृत घोषित किया। पोस्टमार्टम के लिए देवराज जिला अस्पताल ले जाया गया। जहां इमरजेंसी में मौजूद डॉक्टर मनोज ने श्रीकेश का चेकअप करके उन्हें मृत घोषित किया और शरीर को मोर्चरी में भिजवा दिया।
जब पुलिस ने शव का पंचनामा करने की तैयारी की तो श्रीकेश की सांसें चल रही थी। जानकारी मिलने पर परिजनों ने उन्हें तुरंत जिला अस्पताल लेकर पहुंचे और चेकअप कराया और फौरन इलाज शुरू किया गया।
क्या कह रहे हैं परिजन
श्रीकेश के जीजा ने मीडिया को बताया कि साले मुरादाबाद नगर निगम में तैनात हैं। पत्नी डेंटल अस्पताल में नौकरी करती है, कोई बच्चे नहीं है। हादसे की सूचना पर पत्नी ही इलाज के लिए अस्पताल लेकर पहुंची और वहां उनका सिटी स्क्रीन हुआ। रात 11:00 बजे श्रीकेश का एक्सीडेंट हुआ था। विवेकानंद इमरजेंसी में डॉक्टर ने चेकअप किया तो बताया की श्रीकेश की मृत्यु हो चुकी है।
इस मामले में जिला अस्पताल डॉक्टर शिव सिंह ने बताया कि श्रीकेश नाम के एक व्यक्ति का इलाज के दौरान मृत घोषित कर दिया गया था। लेकिन बाद में कंफर्म हुआ कि वह जिंदा है। डॉक्टरों के अनुसार कभी-कभी ऐसे मामले हो जाते हैं कि व्यक्ति को चोट लगने पर सांसें रुक जाती और दवाइयों के असर के कुछ देर बाद व्यक्ति के जिंदा होने का पता चलता है।
चाहे कुछ भी हो लेकिन डॉक्टरों को भी पूरी सतर्कता के साथ मरिज को देखना चाहिए आखिर किसी की जिंदगी और मौत का सवाल होता है। आपका क्या राय है इस विषय में कमेंट बॉक्स में जरूर लिखें।