छत्तीसगढ़ के दुर्ग में एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसे सुन सब हैरान है। दरअसल हाईटेक ऑनलाइन ठगी करने वाले ठग ने स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के बैंक मैनेजर को ही लाखों रुपए के ठगी का शिकार बना दिया। ठग ने बेहद ही चालाकी से बैंक मैनेजर को अपने विश्वास में लिया और 18 लाख रुपए की ऑनलाइन ठगी कर डाली, और पैसों की डिमांड पर बैंक मैनेजर को एहसास हुआ, तो उन्होंने तुरंत इसकी शिकायत मोहन नगर थाने में दर्ज कराई।
इस तरीके से किया था ठगी
मोहन नगर थाना क्षेत्र में स्थित स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के ब्रांच मैनेजर अनुरंजन कुमार प्रजापति के पास एक अनजान फोन कॉल आया। उस व्यक्ति ने अपने आप को एसबीआई बैंक के प्रतिष्ठित ग्राहक कैलाश मध्यानी का बिजनेस पार्टनर बताया और बैंक मैनेजर से कहा कि कुछ रुपए अर्जेंट जरूरत है। अकाउंट में रुपए ट्रांसफर कर दे, वह खुद बैंक का उस रकम का चेक दे देगा। जिस पर बैंक मैनेजर ने कहा आप खुद चेक लेकर बैंक आ जाइएगा, आपको रुपए दे देंगे।
जिस पर ठगी ने सहमति भी जताई फिर थोड़ी देर बाद बैंक मैनेजर को ठग ने फिर कॉल किया और कहा कि किसी जरूरी काम से वह फस गया है और बैंक नहीं आ सकता है। इस पर बैंक मैनेजर ने भी असहमति जताई लेकिन ठग ने बैंक मैनेजर को विश्वास दिलाने के लिए बकायदा दो चेक और अकाउंट डिटेल इमेल किया। जब बैंक मैनेजर ने चेक नंबर का मिलान किया तो सारे दस्तावेज सही पाए। एडमिन मैनेजर को विश्वास हो गया कि यह व्यक्ति कैलाश मध्यानी का पार्टनर है। ठग के झांसे में आकर दो अलग-अलग अकाउंट नंबर पर बैंक मैनेजर ने ₹18 लाख ट्रांसफर कर दिए।
शक हुआ
जब तीसरी बार ठग ने दो और खातों में रुपए ट्रांसफर करने को कहा तब ठगी का शिकार होने का मैनेजर को एहसास हुआ। बैंक मैनेजर को ठगी ने फिर कॉल किया और दो अन्य और खातों में आरटीजीएस करने को कहा, तब उन्होंने अपने प्रतिष्ठित ग्राहक कैलाश मध्यानी को फोन करके उस व्यक्ति के बारे में पूछा, तो उन्होंने इस नाम के किसी व्यक्ति को नहीं जानते हैं, तब बैंक मैनेजर चौकें और उन्होंने उच्च अधिकारियों को इस ठगी की सारी बात बताई और मोहन नगर थाने में एफआईआर दर्ज करवाई।
मामला दर्ज कर जांच की जा रही हैं
मोहन नगर थाना पुलिस ने इस मामले को दर्ज कर इस पर जांच शुरू कर दी है। वहीं थाना प्रभारी जितेंद्र वर्मा ने बताया कि स्टेशन रोड अग्रसेन चौक स्थित स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के ब्रांच मैनेजर अनुरंजन कुमार प्रजापति ने यह शिकायत दर्ज करवाई है। जिन्होंने बताया कि ठगी ने उनसे ₹ 18 लाख ट्रांसफर करवा लिए हैं।
क्या कहना है एक्सपोर्ट का ऑनलाइन ठगी को लेकर
डीएसपी क्राइम नाशर सिद्दीकी का कहना है कि ऑनलाइन ठगी करने वाले ठग हमेशा अपना ट्रेंड बदलते रहते हैं। वह जनरेशन के हिसाब से ठगी करते हैं और ऐसा अक्सर दिल्ली, भरतपुर, हरियाणा, गुड़गांव की तरफ होते हैं। पूरी ट्रेनिंग किए रहते हैं कि किस प्रकार आम जनता की भावनाओं के माध्यम से उनके सेट किया जा सके। वे अक्सर ऐसे फर्जी नंबरों का ही उपयोग करते हैं। जो सीधे साधे लोगों को पढ़ा देते हैं और अपने शिकार में फंसा देते हैं। इन ठगियों को पकड़ना मुश्किल होता है क्योंकि यह हमेशा अपना रूप बदलते ही रहते हैं।