ओलंपिक खेलों में भारतीय खिलाड़ियों ने अपने शानदार प्रदर्शन से मैडल लाकर भारत का सम्मान बढ़ाया तो वही वह भारत में अन्य खिलाड़ियों के लिए एक प्रेरणा स्रोत बने हैं। 23 जुलाई को टोक्यो ओलंपिक की शुरुआत हुई थी और 8 अगस्त को इसका समापन हुआ। अब टोक्यो पैरालिंपिक खेलों की शुरुआत हो गई। इसमें भारत का जलवा देखने को मिल रहा है। पैरालिंपिक खेलों में भाविना पटेल ने सिल्वर मेडल जीतकर इतिहास रच दिया है और एक बार फिर से भारत का नाम दुनिया भर में रोशन किया है। इस ऐतिहासिक उपलब्धि मेको टेबल टेनिस क्लास 4 में दर्ज की गई है।
गुजरात के बड़नगर में रहने वाली भाविना इस समय काफी चर्चा में है। भाविना पैरालिंपिक खेलों में मेडल जीतने वाली भारत की दूसरी महिला खिलाड़ी हैं। जबकि टेबल टेनिस के इतिहास में अब तक भारत के लिए यह कारनामा कोई और नहीं कर पाया है। भाविना पटेल गुजरात के एक साधारण परिवार से ताल्लुक रखती हैं।
उनके पिता हंसमुख भाई पटेल गुजरात के में एक छोटी सी परचून की दुकान चलाते हैं। भाविना की इस उपलब्धि से परिवार में भी लोगों को अपनी बेटी पर गर्व हो रहा है। वहीं उनके परिवार वालों को बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ है। पीएम मोदी से लेकर देश की बड़ी-बड़ी हस्तियां उन्हें बधाई और शुभकामनाएं दे रहे हैं, साथ ही गुजरात सरकार ने भी भाविना की इस ऐतिहासिक उपलब्धि के लिए उन्हें 3 करोड़ रुपए पुरुस्कार देने का ऐलान किया है।
गुजरात सरकार ने भावना को तीन करोड़ रुपए के साथ ही सरकारी नौकरी देने का फैसला किया है। भाविना अपने जीवन में काफी संघर्ष किया, तब जाके आज यह पैरालिंपिक में भारत को मेडल दिलाने में कामयाब रही। उनकी इस कामयाबी से उनके पिता काफी खुश हैं और उन्होंने कहा कि उनकी बेटी दिव्यांग नहीं बल्कि दिव्य है जिस पर उन्हें काफी गर्व है।