दुनिया में गुफाओं का इतिहास बहुत पुराना रहा है यहां तक कि आदिमानव भी गुफा में रहते थे और गुफाओं के जरिए रास्ता भी तय करते थे, गुफाओं का इस्तेमाल ही सबसे ज़्यादा करते थे, राजा महाराजा भी सुरक्षित सफर करने के लिए गुफा को ही पहला विकल्प मानते थे क्योंकि ये बाहरी आक्रमण और पंचायतों से बचने का भी सबसे सुरक्षित रास्ता था। यूं तो दुनिया में कई गुफाएं और सुरंगे हैं और कईं ऐसी भी गुफाएं हैं जिन्हें आज तक इंसान समझ नहीं पाया है। अमेरिका में ऐसी ही एक गुफा है “केंटकी मेमोथ” गुफा जिसका अंतिम छोर आज तक नहीं पता है और यह हर साल बढ़ जाती है। इसी गुफा को दुनिया की सबसे लंबी गुफा का खिताब दिया गया है।
यूनेस्को की वर्ल्ड हेरिटेज साइट में मौजूद मेमोथ गुफा को फ्लिंट रिज केव सिस्टम भी कहा जाता है। यह नॉर्थ अमेरिका के ब्रोन्सवाइल में केंटकी नेशनल पार्क में स्थित है इसीलिए इसका नाम केंटकी मेमोथ रखा गया है। हर साल यहां लाखों की तादाद में पर्यटक घूमने और इस गुफा के लुत्फ उठाने आते हैं। इस इलाके को 1941 में नेशनल पार्क घोषित किया गया था जबकि इस गुफा के बारे में 1969 में पता चला। मेमोथ दुनिया की सबसे लंबी गुफा है। इसकी लंबाई लगभग 420 मील यानी तक़रीबन 680 किलोमीटर है। ये मैक्सिको में मौजूद दुनिया की दूसरी सबसे लंबी गुफा से भी दो गुना ज़्यादा लंबी है।
हर साल लगभग 13 किलोमीटर तक बढ़ जाती है
विशेषज्ञों के कथनानुसार जब इसे खोजा गया था तब इसकी लंबाई केवल 105 किलोमीटर ही थी। लेकिन समय के साथ बढ़ते-बढ़ते अब इसकी लंबाई 680 किलोमीटर हो चुकी है। बताया जाता है कि यह गुफा हर साल 13 किलोमीटर आगे बढ़ जाती है। खास बात यह भी है की गुफा सीधी नहीं है बल्कि इसमें कई सारे अलग-अलग गलियारे बने हुए है जिनमें कईं ऐसे गलियारे भी हैं जिनका आखिरी छोर अभी तक पता नहीं लगाया जा सका है।
बताते चलें कि 1972 में Cave Research Foundation ने इसकी जांच की थी। इसी जांच में पता चला कि इसके अंदर कईं रास्ते खुले हुए हैं। गुफा का आकार भी कहीं पर बहुत चौड़ा और कहीं पर सकरा है। प्रशासन ने इसे काफी अच्छे से पर्यटक स्थल के रूप में सजा सवार के रखा है.
आखिर क्यों बढ़ जाती है गुफा?
सीआरएफ (CRF) के मुताबिक मेमोथ गुफा चूना पत्थर से बनी गुफा है। बारिश के दौरान नदियों का पानी जमीन की सतह के जरिए रिसता रहा रहता है और जमीन के अंदर अपना रास्ता बनाता है। इसी कारण यह गुफा बनी है और हर साल बारिश का दौर बना रहता है इसी कारण यह गुफा हर साल लगभग 13 किलोमीटर आगे बढ़ जाती है। हालांकि एक सच यह भी है कि “लाइमस्टोन” यानी कि चुना पत्थर और रेत की जगह होने की वजह से ही यह गुफा अब तक वैसी की वैसी बनी हुई है और बेहद मजबूत भी है।
हाल में हुए बदलाव
US TODAY के मुताबिक सीआरएफ (CRF) द्वारा जारी की गई नई रिपोर्ट में बताया गया है कि मेमोथ केव की लंबाई 8 मील यानी 13 किलोमीटर हर साल की तरह इस साल भी बढ़ गई है। अब गुफा के गलियारों की लंबाई 420 मील यानी 676 किलोमीटर पाई गई है। इसे अगर भारत के लिहाज से समझें तो ये दूरी दिल्ली से माता वैष्णो देवी कटरा तक की दूरी यानी 631 किलोमीटर के बराबर है।