हम सभी को पता है कि प्लास्टिक से बनी वस्तुएं हमारे शरीर के साथ-साथ हमारे वातावरण के लिए भी काफी हानिकारक होते हैं। यही कारण है कि सरकार इको फ्रेंडली वस्तुओं को बनाने में लोगों की काफी मदद कर रहा है और इको फ्रेंडली बच्चों को बनाने पर जोर दिया जा रहा है। मध्य प्रदेश के रहने वाले विजय पाटीदार और नीता दीप बाजपेई और अर्जुन पाटीदार ने मिलकर एक इंटरप्राइजेज शुरू की है। जिसका नाम गोशिल्प इंटरप्राइजेज है। इसके अंतर्गत वह गोबर से बने इको फ्रेंडली मूर्तियां और घर को सजाने वाले वस्तुओं का निर्माण कर रहे हैं।
हमारे समाज में गोबर को भी बहुमूल्य वस्तु माना जाता है क्योंकि जिस प्रकार हम दूध से अनेकों वस्तुएं बनाकर व्यापार कर सकते हैं। ठीक उसी प्रकार गोबर भी एक ऐसा पदार्थ है। जिससे हम अनेकों वस्तुएं बना सकते हैं। वह न तो हानिकारक होते है और ना ही हमारे पर्यावरण को दूषित करते हैं। अब तो सरकारी संस्थाएं भी इको फ्रेंडली वस्तुओं को बनाने को काफी बढ़ावा दे रहे हैं।
अब गोबर से खेतों के लिए खाद और रसोई के लिए बायोगैस और खाना बनाने वाले चूल्हे के लिए गोबर के उपले ही नहीं बल्कि गोबर से अनेकों वस्तुएं बनाने का तरीका तीन युवाओं ने खोज निकाला है। विजय, नीता और अर्जुन जो साथ मिलकर वह सिर्फ इंटरप्राइजेज चला रहे हैं और इसी के अंतर्गत गोबर से अनेकों वस्तुएं बनाई जा रही हैं।
इन तीनों लोगों से बात करने पर उन्होंने बताया कि यह उनका साइड बिजनेस है और वह अपने नौकरी या दूसरे काम करते हुए, इस काम को करते हैं।
विजय बताते हैं कि वह एक गौशाला चलाते हैं और नीता आर्टिस्ट है जो सजावट के सामान और पेंटिंग करते हैं और उन्होंने बताया कि गौशाला में घूमने के समय उनकी मुलाकात अर्जुन और नीता से हुई। अर्जुन पहले से ही गोबर से बनी धूप बतियां बनाते थे और इन तीनों को अर्जुन का काम अच्छा लगा और इन्होंने आपस में काम करते हुए गोशिल्प इंटरप्राइजेज की नींव रखी।
इस कार्य में कम लागत में अधिक उत्पादन हो सकता है और हम लोगों ने 10-10 हजार की फंडिंग में ही इस बिजनेस को खड़ा किया और हमारी वस्तुएं किसी को नुकसान नहीं पहुंचाते हैं। यह सबसे खुशी की बात है और यह हमारे पर्यावरण के लिए लाभप्रद है। इनकी कहानी को सुनकर युवा काफी प्रेरणा ले रहे हैं और वह भी अपने जीवन में कुछ अच्छा करने की सीख ले रहे हैं।