बिहार की राजधानी पटना के गांधीनगर मैदान में 8 साल पहले नरेंद्र मोदी की रैली में बम धमाके हुए थे। इसी मामले की सुनवाई में सोमवार को एनआईए की विशेष अदालत ने फैसला सुनाते हुए दो आतंकियों को 7 साल की सजा सुनाई।
नौ आतंकियों को पटना के बेउर जेल से एनआईए की कोर्ट में सुबह पहुंचाया गया। बम ब्लास्ट के मामले में कोर्ट ने एक आरोपी फखरुद्दीन को रिहा कर दिया था। हैदर अली, नुमान अंसारी, मजीबुल्लाह उमर सिद्दीकी, फिरोज असलम, इम्तियाज आलम सहित 9 आरोपियों को सजा सुनाने के लिए तारीख दी गई थी। इस मामले में अब तक कोर्ट ने 187 लोगों की सुनवाई कर चुका है।
8 साल पहले जब नरेंद्र मोदी पटना ने अपने हुंकार रैली करने वाले थे तो उसी वक्त पटना जंक्शन पर हुआ था। एक ब्लास्ट उस समय नरेंद्र मोदी भारतीय जनता पार्टी की ओर से राष्ट्रीय जनतांत्रिक संगठन एनडीए के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार थे। इस रैली के अलावा एक धमाका पटना जंक्शन के प्लेटफार्म संख्या 10 पर भी हुआ जहां 6 लोग मरे वहां पर 80 लोग घायल हुए।
8 साल बाद इसका फैसला सुनाया गया। जिसमें सिर्फ पांच आतंकवादियों को उम्र कैद की सजा इससे पहले भी हो चुकी है और एक को रिहा किया भी जा चुका है। 27 अक्टूबर 2013 को पटना के गांधी मैदान थाने में प्राथमिकी दर्ज की गई थी। भारत के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया गया था जिसमें एक की मौत इलाज के दौरान हो गई थी। नाबालिग आरोपियों क को 3 वर्ष की कैद की सजा सुनाई जा चुकी है। चार आतंकी को फांसी की सजा सुनाई है जबकि दो आतंकियों को उम्र कैद की सजा सुनाई गई।