हमारे देश भारत संस्कृति, परंपरा और विभिन्न धर्मों का देश है। हमारे देश में मनुष्य कभी भी, कहीं भी, किसी भी धर्म को अपना सकता है। यही है हमारी देश की विशेषता वैसे तो आमतौर पर लोग जब बुजुर्ग होने लगते हैं। तब भगवान का नाम जपना शुरू कर देते हैं। “हरे राम हरे कृष्ण” लेकिन आज के समय में ऐसे भी कुछ लोग हैं, जो सांसारिक मोह माया को त्याग कर भगवान में लीन होना जीवन का सबसे उत्तम कार्य समझते हैं।
आइए आज आपको एक ऐसी ही लड़की से मिलाते हैं, जो मात्र 21 साल की उम्र से भगवान की भक्ति में लीन हो गई और सन्यास धारण कर लिया। जी हां हम बात कर रहे हैं, जया किशोरी कि जिनका जन्म राजस्थान के सुजानगढ़ में हुआ था। 21 साल की उम्र में इन्होंने घर – गृहस्थी, दुनिया – समाज, दोस्त – यार इन सभी का त्याग करके सन्यास धारण कर लिया। वैसे तो जया किशोरी बहुत ही रूपवान है, लेकिन उन्होंने सांसारिक मोह माया का त्याग करके प्रभु श्रीकृष्ण की भक्ति में लीन होना उचित समझा।
यह मात्र एक 21 वर्ष की आयु से भगवान श्री कृष्ण की भक्ति करने लगी और हम सब को भी भगवान श्री कृष्ण की अनगिनत लीलाओं से परिचित कराती रहती है।
आमतौर पर जया किशोरी की उम्र में लोग अपने भविष्य कैरियर और आने वाली अवसरों पर ध्यान देते हैं। पर जया किशोरी ने अपनी पढ़ाई लिखाई का त्याग किया और भगवान कृष्ण की भक्ति में अपना जीवन बिताने का निर्णय लिया। वह अपने साथ-साथ विश्व के सभी लोगों को भगवान श्री कृष्ण के भक्ति में शांति और सुख ढूंढने का मार्ग बताती हैं।
जया किशोरी का मानना है कि ज्ञान की कोई सीमा नहीं होती और ना ही उसे प्राप्त करने की कोई उम्र इसलिए इंसान को जब मौका मिले तब ज्ञान बटोर लेना चाहिए। इसी सोच को आगे रखते हुए। भगवान की भक्ति करते हुए। जया किशोरी ने अपने बीकॉम की पढ़ाई पूरी की है। आज जया किशोरी लाखों लोगों के लिए आदर्श बन चुकी है और भगवान श्री कृष्ण की भक्ति को सर्वोत्तम मानते हैं। “जय श्री कृष्णा”।