कोरोना वैक्सीननेशन की प्रक्रिया काफी तेजी से चल रही है और ऐसे में सरकार ने 2 से 18 साल के लिए वैक्सीनेशन की मंजूरी दे दी है। यह अपने आप में एक बड़ी खबर है। इसका ट्रायल काफी दिनों से चल रहा है। इसका ट्रायल भारत बायोटेक वैक्सीन कर रहा था। भारत में अब 2 से 18 साल के बच्चों को वैक्सीन दी जाएगी। भारत बायोटेक दक्षिण भारत 2 से 18 साल के बच्चों के लिए यह पहेली वैक्सिंग प्रक्रिया शुरू होगी। बच्चों के लिए डीजीसीआई नेमंजूरी दी है।
लगाई जाने वाली वैक्सीन दो शॉर्ट की होगी उसका डोज उतना ही होगा जितना बड़ों को दिया जाएगा। फिलहाल बच्चों को वैक्सीन लगाने की तैयारियां जोरों शोरों पर शुरू हो गई है। वैक्सीनेशन कि इस प्रक्रिया में अभी एक-दो महीने का समय है क्योंकि अब प्रोडक्शन की मात्रा को बढ़ाना सबसे बड़ी बात है।
सरकार ने बच्चों पर वैक्सीनेशन की प्रक्रिया को तेजी से करने की योजना बनाई है। ताकि स्कूल न जा पाने की वजह से बच्चों को जो नुकसान हो रहा है, वह जल्द से जल्द समाप्त हो पाए। इसी के मद्देनजर यह वैक्सीनेशन ट्रायल शुरू किया गया था। वैक्सीनेशन गवर्नमेंट अस्पतालों में मुफ्त में ही लगेगा लेकिन अभी इसकी कीमत को लेकर कोई बात सामने नहीं आया है फिर भी अनुमान लगाया जा रहा है कि इसकी कीमत उतनी ही हो सकती है जितनी बड़ों के वैक्सीन की है।
कोरोना की तीसरी लहर आने वाली है, जिसके चलते सरकार ने इसे जल्द ही शुरू करने के बात कही है। वैक्सीनेशन करने के लिए बच्चों के लिए एक गाइडलाइन बनेगी। जिसमें अस्थमा और ऐसे जुड़े बच्चों को पहले वैक्सीनेशन की डोज दी जाएगी। सरकार की ओर से जल्द गाइडलाइन जारी हो जाएगी। ट्रायल में इसका साइड इफेक्ट बहुत ही कम ही देखे गए हैं। नॉर्मल ही सर्दी जुखाम या बुखार या थोड़ा दर्द जहां वैक्सीनेशन हुआ है। अलावा और कोई साइड इफेक्ट नहीं देखा गया है इसलिए इसे जल्द से जल्द शुरू करना सरकार के लिए भी एक बड़ी चुनौती है।