जितना ही मानव विकास कर रहा है, उतना ही पर्यावरण को क्षति भी पहुंचा रहा है। हम अपने घरों को भी बनवाते हैं तो आसपास के पेड़ों पौधों को भी काफी नुकसान पहुंचतै है और यह सभी चीजें पर्यावरण के प्रतिकूल होती हैं। इन सभी समस्याओं का समाधान निकालने वाले बहुचर्चित आर्किटेक्ट लॉरेंस विल्फ्रेड बेकर है। इन्होंने ही गांधी जी की बातों से प्रभावित होकर भारत में ‘सस्टेनेबल आर्किटेक्चर’की शुरुआत की और केरल में ‘The Centre of Science and Technology for Rural Development (Costford)’की शुरुआत भी की।
इनका उद्देश्य कम साधनों से कम आय वाले व्यक्तियों के लिए प्रकृति के अनुकूल घर बनाना था। इन्होंने अपने अथक प्रयासों से अनेकों ऐसे घरों का निर्माण करवाया, परंतु 2007 में इनका निधन हो गया। लेकिन इनके बनाए गए संस्था से लोग आज भी जुड़े हुए हैं और लगातार प्रकृति के अनुकूल घरों का निर्माण कर रहे हैं।
आज हम आपको ऐसे ही एक घर के बारे में बताएंगे जो काफी इको फ्रेंडली है-
यह घर Costford के वर्तमान मैनेजर पीबी साजन का है। पीबी साजन भी एक महान आर्किटेक्ट है और इन्होंने अपना घर काफी कम लागत और प्रकृति के अनुकूल बनाया है। जिसे देखकर आप हैरान हो जाएंगे। इनका घर सन 2012 में बनकर तैयार हुआ था।
इको फ्रेंडली बनाने के लिए किया मिट्टी और पुराने लकड़ी का प्रयोग-
पीबी साजन ने बताया कि उनका घर अधिकांशतः मिट्टी और पुरानी लकड़ी और बांस से बना हुआ है। उनके घर में आम, नारियल,कसूरिना की लकड़ियों का उपयोग हुआ है। उनका घर दो मंजिला है और उनके घर की नींव ईट और ग्रेनाइट आदि से मिलकर बनी है। उन्होंने बताया कि मैंने पुरानी लकड़ियों पर बोरेक्स और बोरिक एसिड का प्रयोग किया है ताकि इन लकड़ियों पर दीमक ना लग जाए। मैंने अपने घर को बनवाने के लिए चार प्रकार के वासियों को अपने घर के चारों तरफ लगाया और मजबूती दी। मैंने अपने घर की नींव के लिए ‘रैंडम रबल’ विधि का प्रयोग किया है।
हमारे घर में प्रवेश करने पर एक बेसमेंट है और उसके अंदर गाड़ी रखने की व्यवस्था की गई है। उसके ऊपर एक कमरा है, जिसमें लोगों को बैठने के लिए एक सिट-आउट है और उससे आप अंदर आते हैं। अंदर आने पर ही लिविंग रूम है और उसी के पास बाथरूम रसोई घर भी है। रूम से ही अटैच भी एक बाथरूम है। उसी के पास सीढ़ियां बनाई गई हैं।
जिससे कि आप पहले फ्लोर पर जा सकते हैं। पहले फ्लोर पर भी एक रूम है और उसके बगल में एक बाथरूम है। उसके ऊपर एक लिविंग रूम है। इस रूम में हवा काफी अच्छी आती है।
सौर ऊर्जा का भी प्रयोग होता है इस घर में-
इस घर में सौर ऊर्जा का भी काफी उपयोग होता है और बिजली का बिल काफी कम होता है, उन्होंने बताया कि घर बनने के दौरान हम लोगों ने सौर ऊर्जा की काफी मदद ली। कई तकनीकों को तो सौर ऊर्जा पर ही आधारित करके घर का निर्माण किया गया।
घर काफी इको फ्रेंडली है और सब के बजट के अंदर है। ऐसे आर्किटेक्ट कम बजट में प्रकृति अनुकूल घर बनाने में काफी मददगार सिद्ध होते हैं।